गोभी में कीट नियंत्रण -
➡डॉ. गजेन्द्र चन्द्राकर (वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक) इंदिरा गांधी कृषि विश्वविधालय रायपुर छत्तीसगढ़ के मुताबिक गोभी फसल के कीटों को कीटनाशकों द्वारा पूरी तरह नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।
अतः कीट नियंत्रण हेतु अन्य विधियां जरूर अपनाएं।
▪ रोपण का मौसम ,बारिश के मौसम में गोभी की रोपाई करना बेहतर होता है, जब बारिश से डी बी एम की आबादी बिगड़ जाती है।
▪ सिंचाई -
स्प्रिंकलर सिंचाई से खेत में कैटरपिलर की संख्या कम हो सकती है। यदि यह शाम को लागू किया जाता है, तो यह वयस्कों की गतिविधि को सीमित कर सकता है।
▪ बिना कटे पौधे के हिस्सों को हटा दें।कटाई के समय,यदि संभव हो, तो उन सभी पौधों को हटा दें, जिनकी कटाई नहीं हुई है। डीबीएम पौधे के अवशेषों में जीवित रह सकता है।
▪ ट्रैप क्रॉप के रूप में बड़ी बीज वाली सरसो को मुख्य फसल के बीच में लगाना चाहिए।
▪ अन्तर वर्तीय फसल जैसे की टमाटर , लहसुन,धनिया,गाजर,को मुख्य फसल के साथ अंतराल में लगाना चाहिए।
▪ फेरोमोन ट्रैप 4-5 प्रति एकड़ निगरानी हेतु लगाना चाहिए।
रासायनिक उपचार-
▪ फ्लूबेंडामाइड 20%WG@15g को 150 लीटर पानी में प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
▪ लूफेल्युरोंन 5.4% EC@240 g को 200 लीटर पानी में प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
▪ स्पाइनोसेड 2.5% SC , 240-280g को 200 लीटर पानी में प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
साभारडॉ गजेंद्र चन्द्राकरवरिष्ठ कृषि वैज्ञानिकइंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालयरायपुर छत्तीसगढ़
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