समसामयिक सलाह:- भारी बारिश के बाद हुई (बैटीरियल लीफ ब्लाइट ) से धान की पत्तियां पीली हो गई । ऐसे करे उपचार नही तो फसल हो जाएगी चौपट
समसामयिक सलाह:- भारी बारिश के बाद हुई (बैटीरियल लीफ ब्लाइट ) से धान की पत्तियां पीली हो गई । ऐसे करे उपचार नही तो फसल हो जाएगी चौपट
छत्त्तीसगढ़ राज्य में विगत दिनों में लगातार तेज हवाओं के साथ काफी वर्षा हुई।जिसके कारण धान के खेतों में धान की पत्तियां फट गई और पत्ती के ऊपरी सिरे पीले हो गए। जो कि बैटीरियल लीफ ब्लाइट नामक रोग के लक्षण है।
आज की कड़ी में डॉ गजेंन्द्र चन्द्राकर बताएंगे कि ऐसे लक्षण दिखने पर किस प्रकार इस रोग का प्रबंधन करे।
जीवाणु जनित झुलसा रोग
(बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट):
रोग के लक्षण
■ इस रोग के प्रारम्भिक लक्षण पत्तियों पर रोपाई या बुवाई के 20 से 25 दिन बाद दिखाई देते हैं। सबसे पहले पत्ती का किनारे वाला ऊपरी भाग हल्का पीला सा हो जाता है तथा फिर मटमैला हरापन लिये हुए पीला सा होने लगता है।
■ इसका प्रसार पत्ती की मुख्य नस की ओर तथा निचले हिस्से की ओर तेजी से होने लगता है व पूरी पत्ती मटमैले पीले रंग की होकर पत्रक (शीथ) तक सूख जाती है।
■ रोगग्रसित पौधे कमजोर हो जाते हैं और उनमें कंसे कम निकलते हैं। दाने पूरी तरह नहीं भरते व पैदावार कम हो जाती है।
रोग का कारण
यह रोग जेन्थोमोनास ओराइजी पेथोवार ओराइजी जीवाणु द्वारा होता है।
प्रबन्धन ऐसे करे
• सन्तुलित उर्वरकों का उपयोग करना चाहिये।
• नत्रजनयुक्त खादों का उपयोग निर्धारित मात्रा से अधिक नहीं करना चाहिये ।
• रोग होने की दशा में पोटाश (25 किलो/हे.) का उपयोग लाभकारी होता है।
• रोग होने की दशा में खेत से अनावश्यक पानी निकालते रहना चाहिये।
• रोगरोधी अथवा रोग सहनशील किस्मों जैसे- उन्नत सावाँ मासुरी व बम्लेश्वरी का चुनाव करना चाहिये।
रसायनिक प्रबंधन
इनमें से किसी एक रसायनिक दवा का करे छिड़काव
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