तकनीकी सलाह- रंगों से पहचाने की किस रसायनिक दवा में कितना है जहर
छत्तीसगढ़ में खरीफ मौसम की शुरुआत हो चुकी है किसान भाई अपने फसल की बुवाई के बाद भाई खरपतवार नियंत्रण के लिए खरपतवार नाशी कृषि केंद्रों से खरीद रहे है । आज की कड़ी में हम बताएंगे कि किसान भाई जब भी रसायनिक दवा की खरीदी कृषि केंद्रों से करे तो दवाई के डिब्बो में उल्लेखित पीले, लाल,हरे, रंग के चिन्ह देखकर खरीदना क्यो आवश्यक है और ये चिन्ह रसायनिक दवाओं में क्यो होते है।
क्या प्रदर्शित करते है ये निशान
ये रंगीन निशान रसायनिक दवाओं में जहर की तेजी का मापक होता है
आइए जानते है किस रंग के निशान में कितना है जहर
लाल रंग
यह रंग जहर की तेजी नापने वाले स्केल पर सबसे तेज माना जाता है। जिस कीटनाशक पैकेट के पीछे लाल रंग हो वह सबसे तेज कीटनाशक रसायन की कैटेगरी में शामिल होता है। इस तेजी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस जहर की सिर्फ 1.50 मिली ग्राम मात्रा किसी जानवर को प्रति किलो वजन के हिसाब से देने की सलाह दी जाती है।
पीला रंग
यह रंग जहर की तेजी नापने वाले स्केल पर दूसरे स्तर का खतरा दर्शाते हैं। इसकी कितनी मात्रा का प्रयोग करना चाहिए पैकेट पर लिखा होता है।
नीला रंग
यह मध्यम तेजी को दर्शाने वाला रंग होता है।
हरा रंग
यह सबसे कम तेजी वाले कीटनाशक रसायन होता है। यह सबसे कम तेजी वाला कीटनाशक होते हैं, जितनी कीटनाशकों के प्रयोग की आवश्यकता होती है उतनी ही सावधानी बरतने की जरूरत होती है। यदि इनका सही से इस्तेमाल न किया गया तो यह मनुष्य एवं अन्य जीव-जंतुओं के लिए घातक हो सकते हैं। इसलिए इनका सावधानी पूर्वक इस्तेमाल करना चाहिए।
किसान भाई कीटो के ETL लेवल (आर्थिक क्षति स्तर) का ध्यान रखते हुए ही रसायनिक दवाओं का छिड़काव करें।तातपर्य यह है कि इतने कीट धान की खेत मे दिखे तब ही कीटनाशक का छिड़काव करें।
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thnx so much sir ji