वैज्ञानिक सलाह- सब्जी की फसलों में मुख्य रस चूसक कीट एवं तना एवं फल बेधक कीटो की रोकथाम
भारतीय घरों में बैगन टमाटर भिंडी का इस्तेमाल काफी ज्यादा किया जाता है, इसीलिए इस की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. ये फसल अकसर कीड़ों व रोगों की चपेट में आती रहती है, लिहाजा इस का खयाल रखना बेहद जरूरी है।
आज की कड़ी में डॉ गजेंन्द्र चन्द्राकर (वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक) इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय बैगन, भिन्डी, टमाटर में लगने वाले तना छेदक कीट,फल बेधक रस चूसक कीटो के प्रबंधन के विषय मे बताएंगे।
फल बेधक कीट के लिए सलाह
■यह कीड़े मुख्यतः टमाटर, भिंडी, बैंगन आदि की फसल को नुकसान पहुँचाता है।
■आरम्भिक चरणों में लार्वा तने में छेद कर देते हैं जिससे विकास का बिंदु मर जाता है|
■मुरझाये झुके हुए तने का दिखाई देना इसका प्रमुख लक्षण है|
■बाद में लार्वा फल में छेद कर देते हैं जिससे वह खपत के लिए अयोग्य हो जाते हैं|
▪पूर्व में लिए गए फसल की कटाई के बाद गहरी जुताई करें।
▪ट्रैप फसल के रूप में अफ्रीकन मैरीगोल्ड(गेंदा) का उपयोग फल छेदक के प्रबंधन के लिए उपयोगी है
▪वयस्क पतंगों को आकर्षित करने और मारने के लिए प्रकाश जाल (लाइट ट्रैप ) 1/एकड़ लगाए
▪फलों छेदक के प्रबंधन के लिए 5 -6/ एकड़ फेरोमोन जाल का उपयोग करे
▪प्रारंभिक अवस्था में लार्वा को मारने के लिए नीम के बीज का अर्क 5%स्प्रे करे ।
●9-10 /एकड़ पक्षी पर्चों(बर्ड पर्चेस) को कीटभक्षी पक्षियों को आमंत्रित करने के लिए लगाए जो फल छेदक के प्रबंधन में मदद करता है।
रासायनिक नियंत्रण
▪साइपरमेथ्रिन 10EC@200 मिली को 250लीटर पानी में प्रति एकड़ की दर से फूल अवस्था में पहला स्प्रे करे व 10-15 दिनों के अंतराल पर स्प्रे करने से फल छेदक का प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है।
▪क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5% एस सी @65-70ml/एकड़ की दर से छिड़काव करे
▪फ्लूबेंडा माइड 20 इ सी @100 ml/एकड़ की दर से छिड़काव करे
▪इंडोक्साकार्ब 14.5% एस सी@ 160 ml/एकड़ की दर से छिड़काव करे
▪लैमडा सायहॅलोथ्रीन 5%ईसी @ 120 ml/एकड़ की दर से छिड़काव करे
▪फोसालोन35%ईसी@500ml/एकड़ की दर से छिड़काव करे
▪क्विनोल्फास 20%@ 600-650 ml/एकड़* की दर से छिड़काव करे
रस चूसक कीटो के लिए सलाह
▪मिर्च,भटा,टमाटर जैसे फसलों के साथ प्याज की फसल को मिश्रित न करे इससे थ्रिप्स की समस्या बढ़ जाती है।
▪रस चूसक कीटो के गुणन की जाँच करने के बाद नर्सरी के ऊपर पानी छिड़कें।
■मिर्च, टमाटर एवं बैंगन के बीज को इमिडाक्लोप्रिड 70% WS @ 12g /kg बीज से उपचारित करे
▪रोपण के समय और रोपाई के 30 दिनों के बाद दो विभाजित खुराकों में 100 किलोग्राम/एकड़ के हिसाब से नीम का केक डाले
रासायनिक उपचार
■स्पिनोसैड45%SC@ 64 मिलीलीटर 200 I पानी/एकड़ की दर से छिड़काव करे।
▪ लैम्ब्डा-सायलोथ्रिन 5% EC @ 120 मिली में 160-240 I पानी / एकड़ की दर से छिड़काव करे।
▪इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG / 200 ग्राम में 80 ग्राम पानी / एकड़ दर से छिड़काव करे।
▪फेनप्रोपेथ्रिन 30% ईसी @ 100-136 मिली 300-400 पानी में / एकड़ दर से छिड़काव करे।
■इंडोक्साकार्ब14.5%+एसिटामिप्रिड 7.7% WW SC@160-200ml में 200Iपानी/एकड़ दर से छिड़काव करे।
■थायोक्लोप्रिड 21.72 SC @ 90-120 ml पानी की 200I / एकड़ दर से छिड़काव करे।
कीटनाशकों का जवाबदेही पूर्ण उपयोग
■अनुसंशित कीटनाशक दवा एवं मात्रा recommended Insecticide and dose का उपयोग करें।
■प्रतीक्षा अवधि waiting period का पालन करे।
◆अच्छीसस्य क्रिया GAP( Good Agriculture Practices ) का पालन करें।
साभार
डॉ गजेंन्द्र चन्द्राकर
(वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक)
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय
तकनीक प्रचारकर्ता
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