जैविक खेती-फूलों की वृद्धि एवम फल का आकार बढ़ाने वाली दवा फुलवारी द्रव्य (षडरस)
प्राचीन काल में मानव स्वास्थ्य के अनुकुल तथा प्राकृतिक वातावरण के अनुरूप खेती की जाती थी, जिससे जैविक और अजैविक पदार्थों के बीच आदान-प्रदान का चक्र (पारिस्थितिकी तंत्र) निरन्तर चलता रहा था, जिसके फलस्वरूप जल, भूमि, वायु तथा वातावरण प्रदूषित नहीं होता था। परन्तु बदलते परिवेश में गौपालन धीरे-धीरे कम हो गया तथा कृषि में तरह-तरह की रसायनिक खादों व कीटनाशकों का प्रयोग हो रहा है जिसके फलस्वरूप जैविक और अजैविक पदार्थो के चक्र का संतुलन बिगड़ता जा रहा है और वातावरण प्रदूषित होकर, मानव जाति के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है।
कृषि विशेषज्ञ श्री योगेश सोनकर(संस्थापक अम्बिका फाउण्डेशन) के अनुसार हम रसायनिक खादों, जहरीले कीटनाशकों के उपयोग के स्थान पर, जैविक खादों एवं दवाईयों का उपयोग कर, अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त सकते हैं जिससे भूमि, जल एवं वातावरण शुद्ध रहेगा और मनुष्य एवं प्रत्येक जीवधारी स्वस्थ रहेंगे।
इसी कड़ी में आज हम जानेंगे की किसान भाई कैसे घर पर ही फुलवारी द्रव्य (षडरस ) का निर्माण कर सकते है।
फुलवारी द्रव्य (षडरस) निर्माण की विधि
आवश्यक सामग्री
1 छांछ (देशी गाय के दूध से निर्मित) 10 लीटर
2.आंवला पाउडर 100 ग्राम
उपरोक्त सामग्री को मिलाकर मिट्टी के घड़े पर भरकर 10 दिन तक रखे। 10 दिन के बाद 100 लीटर पानी मे मिलाकर पौधों पर फूल आने के समय में स्प्रे करे।
क्या काम करेगा फुलवारी द्रव्य (षडरस)
फुलवारी द्रव्य (षडरस) के छिडकांव से पौधों के फूलों में वृद्धि होगी एवम फल का आकार बढ़ेगा फल एवंओजस्वी दिखेंगे।
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