गाजर घास स्वरस
आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है ।
प्राकृतिक रुप से फसलो मे आवश्यक पोषक तत्वो की पूर्ति किस तरह से की जा सकती है , इसके लिए कई किसान भाईयो ने अपने अपने प्रयोगो से सफलता प्राप्त की है। अब आवश्यकता है हमे उन प्रयोगो और विधियो का अमल मे लाने की।
लगभग १९७० से आई जटिल एवं विश्वव्यापी समस्या स्वरुप गाजर घास जो कि धीरे धीरे अपने अनगिनत हल्के बीजो के कारण विकराल रुप ले चुकी है।
इस चिंता के विषय को प्राकृतिक किसानो ने इसे विशेष रुप से तैयार कर नाइट्रोजन आपूर्ति का बहुत ही सरल तरीका बना लिया है। और इसे नाम दिया गया " गाजर घांस स्वरस"
इन फसलों में है कारगर
प्राकृतिक रुप से उत्पादित की जा रही फसले देशी पीली मक्का, सफेद मक्का , ज्वार, मूँगफली, मू्ँग अरहर, कपास, लोबिया, उड़द, सोयाबीन और सफेद तिल मे नाइट्रोजन पूर्ति के लिए गाजरघास स्वरस कारगर है।
एक एकड़ के लिए ऐसे तैयार करे
आवश्यक सामग्री
1- ४ किग्रा. गाजर घास पीसी हुई ताजी (नर्म पत्तो वाली )
2- ६ लीटर गौमूत्र
3- १५ ग्राम फिटकरी पाउडर
उपरोक्त सामग्री को लेकर सब को एक साथ मिलाकर ५ दिनो के लिए ढँककर छोड़ दे।
पाँच दिन बाद छानकर आप इसका छिड़काव कर सकते है ।
साभार
संयम_प्राकृतिक_कृषि_फार्म
ग्राम-पथोरा,तहसील-कसरावद
जिला-खरगोन मध्यप्रदेश
९४७९४८४८००,६२६४८०२०२८
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