Covid-19 के फैलते संक्रमण के दौरान घातक हो सकता है सब्जी व फलो में लगा केमिकल ऐसे करे बचाव
फलों और सब्जियों की पैदावार बढ़ाने के लिए , किसान इन फलों और सब्जियों को उगाते समय कीटनाशक, उर्वरक और अन्य हानिकारक रसायनों का उपयोग करते है। किसानो और फल- सब्जियों के विक्रेताओं द्वारा वैक्स, प्रिजर्वेटिव और कृत्रिम रंग का उपयोग भी बहुतायत मात्रा में किया जाता है, ताकि वे इन फलों और सब्जियों को ताजा व स्वस्थ दिखा सके। हम सब यह तथ्य भली भांति जानते है परंतु हमारे पास कोई विकल्प है नही इस लिये सादे पानी से इन्हें धोकर इनका उपयोग करते है और घातक बीमारियों को आमंत्रित करते है।
अगर आपको लगता है कि आपने जो बाजार से फल या सब्जी खरीदें हैं उन पर किसी तरह का केमिकल इस्तेमाल किया गया है, आप कुछ घरेलू उपाय अपनाकर इससे खुद को और अपने परिवार को बचा सकते हैं।
गर्म पानी में धोएं
सबसे अच्छा तरीका है कि उपयोग से पहले फल और सब्जियों को गर्म यानी गुनगुने पानी में धोएं। इससे उनमें मौजूद मोम या केमिकल की परत अपने आप पानी में घुल जाएगी। पर ध्यान रखें कि इस पानी को ठंडा होने से पहले ही फल-सब्जी निकाल लें। वरना ये परत फिर से चढ़ जाएगी।
अच्छी तरह छीलें
इन रसायनों से बचने का एक और तरीका है कि आप फल, सब्जी या सलाद को अच्छी तरह छीलकर खाएं। हालांकि पहले आहार विशेषज्ञ कहते थे कि फलों को छिलके सहित खाना चाहिए। पर अब इन केमिकल्स के इस्तेमाल के कारण वे इन्हें अच्छी तरह छीलने की सलाह देते हैं।
सेंधा नमक का पानी
आप फल-सब्जियों को धोने के लिए सेंधा नमक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। पानी में लगभग एक चम्मच सेंधा नमक मिलाएं और उसमें फल-सब्जियों को थोड़ी देर के लिए डुबो कर रख दें। इससे उन पर लगे तमाम तरह के केमिकल अपने आप घुल कर निकल जाएंगे।
डॉ गजेंद्र चन्द्राकर (कृषि वैज्ञानिक) इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर ने बताया कि एसिड, केमिकल और सिथेंटिक कलर में धुली फल और सब्जियां जानलेवा हैं। केमिकल फल-सब्जियों के छिलके के जरिए अंदर चला जाता है। ये केमिकल पाचन तंत्र को खराब कर देते हैं। लीवर और गुर्दों के लिए बहुत ही घातक हैं।
ये है केमिकल की फल सब्जियों से नुकसान
- गले का कैंसर
- सांस की बीमारी
- लीवर खराब
- गुर्दे फेल होना
- आंतों में संक्रमण
- उल्टी-दस्त होना
- पीलिया
- तांत्रिका तंत्र पर असर
कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार सब्जी, फल, मसालों में कीटनाशकों की मात्रा पिछले 6 बरस में तय मानक से दोगुनी हो गई है। यहां तक कि जैविक उत्पादों की बिक्री करने वाले संस्थानों से इकट्ठा किए गए नमूनों में भी कीटनाशक अंश तयशुदा मात्रा और स्तर से अधिक पाए गए हैं।
गौरतलब है कि केंद्रीय कीटनाशक अवशिष्ट निगरानी योजना के अंतर्गत देशभर से इकट्ठा किए गए तकरीबन 20 हजार से ज्यादा नमूनों में तकरीबन 12 फीसद से ज्यादा कीटनाशक पाए गए हैं। देशभर की मंडियों, खेतों और खुदरा बिक्री केंद्रों से लिए गए नमूनों में सबसे ज्यादा 56 फीसदी नमूने सब्जियों के हैं, जो अमानक साबित हुए हैं।
इन सब को ध्यान में रखते हुए रामा क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है "पेस्टीवॉश"
यह ताजा दिखने वाले फलों व सब्जियों में पाए जाने वाले कीटनाशकों, कीटाणुओं, गंदगी, धूल, अन्य हानिकारक रसायनों , वैक्स, और प्रिजर्वेटिव केमिकलऔर सूक्ष्म जीवों को हटाकर आपको इन फलों व सब्जियों से मिलने वाले लाभ को सीधे आप तक पहुंचाने का कार्य सुनिश्चित करता है। इसलिए रसायन से भरे हुए फलों और सब्जियों विश्वास न करे , बल्कि ये सभी अशुद्धियो को धोने के लिए पेस्टिवॉश का प्रयोग कर सकते है।ताकि आपको और आपके परिवार को फल व सब्जी से मिलने वाला स्वास्थ्य लाभ मिल सके। यह कीटनाशक रसायन हानिकारक कृत्रिम रसायनों को हटाता है जो फलो व सब्जियों को ताजा दिखाने के लिए छिड़के जाते है।
पेस्टीवॉश , पानी से धोने के बजाए अधिक प्रभावी है क्योंकि सादे पानी से धोने के मुकाबले यह सब्जियों व फलो से अधिक माइक्रोबियल लोड को साफ कर सकता है।
विभिन्न प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं ने इसे प्रमाणित किया है एवं यह इंदिरा गांधी कृषि विश्वविधालय रायपुर के स्टार्टअप योजना में भी शामिल है।
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