प्रकाश प्रपंच :-
जैविक कृषि में रूचि रखने वाले कृषकों और जैविक कृषि के समर्थकों में हमेशा ही एक प्रश्न बना रहता है; क्या बिना रासायनिक दवा के फसलों के कीटों पर प्रभावशाली नियंत्रण संभव है |
पिछले चार दशकों में हरित क्रान्ति के दूरगामी हानिकारक प्रभावों में से एक है रासायनिक दवाओं और रासायनिक खादों का अंधाधुंध इस्तेमाल से मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण के पशुपक्षियों मित्र कीटों को भी नुकसान पहुंचा है। इस स्थिति में गैर रासायनिक संसाधनों मे से एक साधन है प्रकाश प्रपंच
प्रकाश प्रपंच फसल के कीट को नियंत्रित करने के साथ साथ इनके आने वाली पीढी पर भी नियंत्रण करता है। प्रकाश प्रपंच से जोड़े बनाने को उत्सुक कीट ज्यादा आकर्षित होते है और मारे जाते है ।इस यह प्रकाश प्रपंच बहुत ही सस्ता और किसान द्वार स्वयं भी बनाया जा सकता है । इस यंत्र में एक बल्ब की सहायता से कीट को आकर्षित कर मिट्टी तेल के कटोरे में गिराकर मारा जाता है ।शाम के धुंधलके से लेकर रात 10 बजे तक इस प्रकाश प्रपंच को जलाकर खेत में रखा जाता है । यह संसाधन पर्यावरण पर हानिकारक प्रभाव डालने वाले रासायनिक दवाओं के विरुद्ध सस्ता और सफल संसाधन है ।
एक अच्छी बात यह भी है यह खेत के आसपास दीमकों की संख्या पर भी प्रभाव शाली नियंत्रण करता है ।इस प्रकाश प्रपंच के चित्र की सहायता से इसकी कार्यप्रणाली का आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है ।
इस समय करे प्रकाश प्रपंच का उपयोग
तुषार मिश्रा (कृषि वैज्ञानिक) कृषि विज्ञान केंद्र जिला गरियाबंद के अनुसार फसलों को कीड़ो से बचाने के लिए केवल कीटनाशक का प्रयोग उचित नही है प्रकाश प्रपंच के माध्यम से भी कीड़ो का प्रबंधन किया जा सकता है इसे किसान भाई अपने घर पर भी आसानी के बनाकर कीड़ो से अपनी फसल की सुरक्षा कर सकते है।
सामान्यतः कीट प्रकाश की ओर आकर्षित होते है शाम 7:00 बजे से 9 बजे तक इसका प्रयोग करना उचित होता है।बल्ब की रोशनी से फसलों पर लगने वाले कीट प्रकाश की ओर आकर्षित होकर इकठ्ठे होकर डब्बे में भरे कीटनाशक से आसानी से नष्ट हो सकते है।
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