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कृषि यंत्र- बीज बुवाई के लिए सबसे सस्ती मशीन पैडी ड्रम सीडर

   कृषि यंत्र- बीज बुवाई के लिए सबसे सस्ती मशीन पैडी ड्रम सीडर 'पैडी ड्रम सीडर'



छत्तीसगढ़ में मानसून आते ही किसान भाई कृषि कार्य मे लग जाते है सबसे महत्वपूर्ण होता है धान बीज की बुवाई का कार्य। प्रायः देखा जाता है कि
मजदूर न मिलने पर किसान  छिटकवा विधि से धान की बुवाई  करने लगे हैं। लेकिन ऐसे में पौधों में समानता नहीं होती जमाव कम होता है, जिसके कारण अपेक्षित उपज प्राप्त नहीं हो पाती।

डॉ गजेंद्र चन्द्राकर (कृषि वैज्ञानिक) इंदिरा गांधी कृषि विश्वविधालय रायपुर ने बताया कि इस समस्या का समाधान करता है "पैडी ड्रम सीडर"




पैडी ड्रम सीडर से धान बीज की बुवाई करके यह समस्या दूर की जा सकती है। यह अत्यन्त सस्ती और आसान तकनीक है। 
मशीन की बनावट
इसकी बनावट बिल्कुल आसान है। बीज भरने के लिए चार प्लास्टिक के खोखले ड्रम लगे रहते है जो एक बेलन पर बंधे रहते हैं। ड्रम मे दो पंक्तियों पर 9 मिमीटर व्यास के छिद्र बने होते हैं। ड्रम की एक परिधि मे बराबर दूरी पर कुल 15 छिद्र होते हैं।50% छिद्र बंद रहते हैं, बीज का गिराव गुरुत्वाकर्षण के कारण इन्ही छिद्रों द्वारा होता है। बेलन के दोनों किनारों पर पहिए लगे होते हैं। इनका व्यास 60 सेंटीमीटर होता है ताकि ड्रम पर्याप्त ऊंचाई पर रहे। मशीन को खींचने के लिए एक हत्था लगा रहता है। आधे छिद्र बंद रहने पर मशीन द्वारा सूखा बीज दर 15 से 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर प्रयोग किया जाता है। पूरे छिद्र खुले होने पर 25 से 30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है। प्रत्येक ड्रम के लिये अलग-अलग ढक्कन बना होता है, जिसमे बीज भरा जाता है। मशीन में पूर्व अंकुरित धान का बीज प्रयोग में लाते हैं।



बुवाई की विधि-
धान की बुवाई पैडी ड्रम सीडर से  करते समय खेत के समतलीकरण मिट्टी की सेटिंग एवं खेत में जल स्तर पर विशेष ध्यान देना चाहिए पैडी ड्रम सीडर से बुआई के लिए 20 से 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता होती है।

बीज को 12 घंटे तक पानी में भिगो दें। तत्पश्चात छानकर बोरे से अंकुरण दिखाई देते ही बुवाई करें हल्का अंकुरित बीज को ड्रम में बराबर मात्रा में भरे व खेत में दो 2-2.5 इंच के बीच पानी रहने पर  ही बुवाई करें।

पांच से छह घंटे के अंदर बुवाई कर देनी चाहिए अधिक देर होने पर मिट्टी कड़ी होने लगती है।





ड्रम सीडर से किसान भाइयों को लाभ

1. ड्रम सीडर से बुवाई से प्रति हेक्टेयर 40 मजदूरों की मजदूरी कम हो जाती है।

2. धान की फसल की अवधि सात से दस दिन कम हो जाती है

3. कतार में होने के कारण खरपतवार नियंत्रण में आसानी होती है। वीडर के माध्यम से खरपतवार नियंत्रण आसानी से किया जा सकता है।



थरहा लगाने के जगह ड्रम सीडर का उपयोग, उत्पादन बिल्कुल थरहा लगाने जैसा,एक दिन में 1 हेक्टेयर में ड्रम सीडर से धान की बोवाई.. ड्रम सीडर तथा कोनो वीडर दोनों 7500/- मे आ जायेगा संपर्क करें
महिन्द्रा एग्रोटेक रायगढ़ शासकीय अनुदान पर ड्रिप स्प्रिंकलर एवं कृषि यंत्र
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Comments

smartkrishikendra@gmail.com said…
KSNM ड्रम सीडर ,तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के निर्देशन द्वारा तैयार किया हुआ ।स्मार्ट कृषि केंद्र ,रायगढ़ में उपलब्ध ।।���� मोबाइल 6232502480

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