जैविक खेती- जानिए क्या है जैविक कीटनाशक,ब्युवेरिया बेसियाना
अनियंत्रित कीटनाशकों का प्रयोग लक्षित पौधों के साथ साथ दूसरे पौधों पर भी घातक प्रभाव डालता है। इसके अलावा कृषि के लिए फायदेमंद कीट जैसे मधुमक्खी, झींगुर व दूसरे कीट बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। हाल ही के सालों में मधुमक्खियों की संख्या में भारी गिरावट प्रत्यक्ष रूप से देखी जा सकती है। इसके साथ ही लगातार कीटनाशकों के प्रभाव से मृदा के अंदर सूक्ष्म जीव जो कि नाइट्रोजन को निर्धारण करते है उनकी संख्या बुरी तरह से प्रभावित हुई है जिससे मृदा की उपजाऊ शक्ति कम होती जा रही है।
अंधाधुंध कीटनाशकों का प्रयोग प्रति वर्ष बढ़ता ही चला जा रहा है। जो कि घातक बीमारियों को आमंत्रित कर रहा है ऐसे में एक छोटी सी उमीद की किरण है जैविक खेती। जिसके प्रयोग से कीटनाशकों का प्रयोग को कम किया जा सकता है।
कीटों का प्रबंधन रसायनिक कीटनाशक के अलावा जैविक कीटनाशक से भी सम्भव है। इसी कड़ी में आज हम जानेंगे जैविक कीटनाशक ब्युवेरिया बेसियाना के बारे में।
ब्युवेरिया बेसियाना कैसे काम करता है।
डॉ. गजेंद्र चन्द्राकर (वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक) इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर छत्तीसगढ़ के अनुसार कीट के संपर्क में आते ही इस फफूंदी के स्पोर त्वचा के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर अपनी संख्या में वृद्धि करते है, जिसके प्रभाव से कीट कुछ दिनों बाद ही लकवा ग्रस्त हो जाता है और अंत में मर जाता है | मृत कीट सफ़ेद रंग की ममी में तब्दील हो जाता है।
डॉ. एस.के.पाटिल (कुलपति)
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर छत्तीसगढ़ जैविक कीटनाशकों का निरीक्षण करते हुए।
ब्युवेरिया बेसियाना एक आधारित जैविक कीटनाशक और सफेद रंग की फफूंद है| ब्युवेरिया बेसियाना 1 प्रतिशत डब्लू पी एवं 1.15 प्रतिशत डब्लू पी के फार्मुलेशन में उपलब्ध है| जो विश्व में सभी जगहों की मिट्टी में स्वाभाविक रूप से पायी जाती है| यह विभिन्न प्रकार के कीटों को एक परजीवी के रूप संक्रमित करता है, इसके संक्रमण से सफेद मसकरडीन नामक रोग हो जाता है यानि की यह एक कीटरोगजनक फफूंद है|
इसे पहले ट्रिटिरशियम शिओटे नाम से भी जाना जाता था| बाद में इटेलियन, कीट विज्ञानी एगोस्टिनो बस्सी के नाम पर ब्युवेरिया बेसियाना का नाम रखा गया था|
ब्युवेरिया बेसियाना विभिन्न फसलों और सब्जियों में लगने वाली लेपिडोप्टेरा वर्ग की सुंडियों जैसे, चने की सुंडी, बालदार सुंडी, रस चूसने वाले कीट, वूली एफिड, फुदको, सफेद मक्खी, दीमक तथा स्पाइडर माईट आदि कीटो के नियंत्रण के लिए प्रयुक्त की जाती है, एवं यहां तक कि यह मलेरिया-कारक मच्छरों को भी नियंत्रित करता हैं|धान के माहू सहित अन्य जिद्दी कीड़ो पर भी प्रभावी है ब्युवेरिया बेसियाना।
ब्युवेरिया बेसियाना अधिक आर्द्रता और कम तापक्रम पर अधिक प्रभावी होता है|
सावधानी
ब्यूवेरिया बैसियाना के प्रयोग से पहले व बाद में या साथ में रासायनिक फफूंदनाशक का प्रयोग नहीं करना चाहिए|
सेल्फ लाइफ
ब्युवेरिया बेसियाना की सेल्फ लाइफ एक वर्ष है।
Comments