हमारा देश "भारत "आस्थाओं से परिपूर्ण देश है। यहां 100 में से 90 व्यक्ति किसी ना किसी धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है,और हर धार्मिक आस्था में अपने आराध्य पर अर्पित किये जाते है फूल और वानस्पतिक पत्ते ,जो कि अर्पित करने के 1 दिवस में ही खराब हो जाते है। फिर उसे यहाँ - वहां फेंक दिया जाता है या फिर नदियों-तालाबो में विसर्जित किया जाता है इससे फैलता है "जल प्रदूषण"
क्या आप जानते है कि इन फूल और पत्तो से जैविक खाद भी बनाया जा सकता है जो किसानों के लिए तो उपयोगी है ही अपितु शहरों में जो घरों पर घर की छतों पर बागवानी कर रहे है उनके लिए भी काफी उपयोगी है इससे हम अपनी नदियों को भी प्रदूषण से बचा सकेंगे और फूलों का भी सही उपयोग होगा एवं निर्माल्य का अपमान नही होगा।
आज की कड़ी में हम आपको बताएंगे कि खराब फूलों से खाद कैसे बनाये।
फूलों से खाद बनाने की विधी
◼️जमीन में एक गड्डे में या किसी चारों और से भरपूर छिद्र वाले डब्बे,मटके या बोरी में मिट्टी की परत और गोबर की परत बिछाकर
◼️फूल,पत्ती,खराब हुआ पंचामृत , निर्माल्य आदि भरें।
◼️ इसे ढक्कन या बोरे से ढांक दें और एक दो दिन के अंतराल से कभी इसमें क्रमशः गोमूत्र, दही का पानी, चुटकी भर हल्दी पावडर, हींग पानी डालते रहें। पूरा भर जाने पर अलग रख दें और पुनः नया पात्र भरें।
◼️40-45 दिन के बाद फूलों से जैविक खाद का निर्माण हो जाएगा।
◼️गोबर खाद में बैक्टीरिया पैदा करता है, जिसमें सड़ने-गलने की प्रक्रिया में तेजी आ जाती है।
फूलों से पावडर खाद बनाने की विधि-
फूलों को अच्छी तरह धूप में सुखाकर मिक्सर में पीस लें। पावडर खाद तैयार हो जायेगी।
ये पावडर सभी पौधों, गमलों के तने से कुछ दूर थाला बनाकर डालते रहें।
साभार
डॉ सुप्रिया बापट
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