जैविक खेती- फफूंदजनित रोगों के निवारण की जैविक दवा "फफूंद रोधी रसायन"
अधिकांश मानवीय बीमारियों का कारण जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ कृषि में उपयोग हो रहे रसायन भी हैं। इनमें मुख्य रूपसे मानव द्वारा उपयोग की जाने वाली विषाक्त सब्जियां, अनाज एवं फल हैं जिनकी सुरक्षा हेतु अंधाधुंध रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। इन कीटनाशकों के प्रयोग से अत्यधिक प्रयोग से इनके प्रति कीटों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है और कुछ प्रजातियों में तो प्रतिरोधक क्षमता विकसित भी हो चुकी है।
इसके अलावा रासायनिक कीटनाशक अत्यधिक महगे होने के कारण किसानों को इन पर अत्यधिक खर्च करना पड़ता है। कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से फसलों, सब्जियों व फलों की गुणवत्ता पर भी विपरीत असर पड़ता है। इन वस्तुस्थिति के फलस्वरूप वैज्ञानिकों का ध्यान प्राकतिक एवं जैविक कीटनाशकों एवं रोगनाशकों की ओर गया है जोन केवल सस्ते हैं बल्कि जिनके उपयोग से तैयार होने वाली फसल के किसी प्रकार के रासायनिक दुष्प्रभाव भी नहीं रहते हैं
फफूंदरोधी रसायन
आवश्यक सामग्री
■अदरक 1 किलोग्राम
■गुड़ 1 किलोग्राम
■प्लास्टिक/कांच के पात्र जो एयर टाइट बन्द हो सके।
निर्माण विधि
■1 किलो अदरक को कुचल कर 1 किलो गुड़ में अच्छे से मिलाकर किसी एअर टाईट प्लास्टिक या काँच के पात्र में बंद कर दें।
■10 दिनों में यह मिश्रण तरल हो जायेगा। यह तरल फग्गसरोधी रसायन बन गया है।
सेल्फ लाइफ
इस रसायन को 1 वर्ष तक उपयोग में लाया जा सकता है।
प्रयोग विधि:-
1. पत्तियों में धब्बा,पत्तियों का सूखना, ब्लास्ट, ब्लाइट,रस्ट,फाल्स स्मट आदि बीमारियाँ दिखने पर 0.2 प्रतिशत की दर (100 लीटर पानी 200 एम.एल.रसायन) मिलाकर पत्तों पर स्प्रे करें।
2. पौधों की जड़ों में रेड रॉड (लाल सड़न), जड़ गलन, उक्टा आदि बीमारियों में 5 प्रतिशत की दर
से जड़ों में ड्रेन्चिग करें।
3. बीजों को फफूंद से बचाने के लिये षड़रस और फफूंदरोधी रसायन को सामान मात्रा में मिलाकर बीजों पर छिड़काव कर बीज उपचार करें।
पहले के लेखों में षडरस बनाने की विधि के बारे में विस्तार से बताया गया था, जिन किसान भाइयों ने उस लेख को ना पढ़ा हो उनके लिए पुनः षडरस बनाने की विधि प्रस्तुत है।
(षडरस) निर्माण की विधि
आवश्यक सामग्री
1 छांछ (देशी गाय के दूध से निर्मित) 10 लीटर
2.आंवला पाउडर 100 ग्राम
उपरोक्त सामग्री को मिलाकर मिट्टी के घड़े पर भरकर 10 दिन तक रखे। 10 दिन के बाद 100 लीटर पानी मे मिलाकर पौधों पर फूल आने के समय में स्प्रे करे।
नोट-षडरस के प्रयोग से फूलों की संख्या भी बढ़ती है और फल ओजस्वी भी होते है।
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