चेतावनी-धान में सितम्बर माह में गंधी बग (खखड़ी) कीट लगे तो ऐसे करे उपाय।
धान की खेती असिंचित व सिंचित दोनों परिस्थितियों में की जाती है। धान की विभिन्न उन्नतशील प्रजातियाँ जो कि अधिक उपज देती हैं उनका प्रचलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है।परन्तु मुख्य समस्या कीट ब्याधियों की है, यदि समय रहते इनकी रोकथाम कर ली जाये तो अधिकतम उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
धान की फसल को विभिन्न कीटों जैसे तना छेदक, पत्ती लपेटक, धान का फूदका व गंधीबग द्वारा नुकसान पहुँचाया जाता है तथा बिमारियों में जैसे धान का झोंका, भूरा धब्बा, शीथ ब्लाइट, आभासी कंड व जिंक कि कमी आदि की समस्या प्रमुख है।
आज की कड़ी में डॉ गजेंन्द्र चन्द्राकर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक बताएंगे कि अगर धान की फसल में गंधी बग का प्रकोप हो तो इनका प्रबंधन किस प्रकार करना चाहिए।
कीट की पहचान:
धान की कम अवधि के किस्म में बाली निकलने के समय गंधी कीट का प्रकोप ज्यादा होता है । यह भूरे रंग का लम्बी टांगों वाला दुर्गन्ध युक्त कीट हैं।
क्षति की प्रकृति
■यह कीट पौधों के कल्लों के बीच में जमीन की उपरी सतह पर पाये जाते हैं। इनका आक्रमण फसल की दूधिया अवस्था एवं दाने के भराव के समय होताहै। इनके रस चूसने के कारण तना सूख जाता है। गंधी वग कीट पौधों के विभिन्न भागों से रस चूसकर हानि पहुंचाता है।
■वयस्क एवमं शिशु कीट बालियों की दुग्धावस्था में दाने से रस चूस लेते हैं फलतः दाने खखड़ी हो जाते है या बदल जाते हैं ।
■अगेती किस्मों में इस कीट का आक्रमण ज्यादा होता है ।
प्रबंधन कैसे करे:
किसान भाई इसके प्रबंधन के लिए निम्न उपाय कर सकते हैं ।
जैविक प्रबंधन
■ मृत मेढ़क या केकड़े को सूती कपड़े की पोटली में बाँधकर प्रति हेक्टेयर 10 से 20 जगह खेत के चारों तरफ लटका दें ।
■ नीम बीज चूर्ण 5% का छिड़काव 10 दिन के अंतर पर दो बार करें ।
रसायनिक नियंत्रण
निम्नलिखित कीटनाशकों में से किसी एक को स्प्रे करें।
1.फोसलोन 35 ईसी 1500 मिली / हे
2.क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 18.5% एससी 150 ग्राम / हेक्टेयर
3.Dichlorvos 76% SC 627 मिली / हे
4.फ्लुबेंडियामाइड 39.35% एम / एम एससी 50 ग्राम / हेक्टेयर
5.ट्रायजोफॉस 40% ईसी 625-1250 मिली / हे
6.फॉस्फामिडॉन 40% SL 1250 मिली / हे
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