सावधान :- सोयाबीन की फसल को चौपट करने वाली है रिंग कटर या "गर्डल बीटल
सोयाबीन को गोल्डन बीन्स भी कहा जाता है, जो कि लैग्यूम परिवार से संबंधित है। इसका मूल स्थान पूर्वी एशिया है। यह प्रोटीन के साथ साथ रेशे का भी उच्च स्त्रोत है। सोयाबीन से निकाले हुए तेल में कम मात्रा में शुद्ध वसा होती है। भारत देश में, यह फसलों की विविधता में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाती है। इसे दलहन के बजाए तिलहन की फसल कहा जाता है क्योंकि सोयाबीन का सबसे ज्यादा उपयोग तेल में किया जाता है। हमारे छत्तीसगढ़ में यह मुख्यतः राजनांदगांव, बेमेतरा, दुर्ग जिलों में सोयाबीन की खेती की जाती है।सोयाबीन की खेती करने वाले किसान भाई सोयाबीन के मुख्य कीट गर्डल बीटल से काफी परेशान रहते है जिनकी समस्या को देखते हुए आज की कड़ी में डॉ गजेंन्द्र चन्द्राकर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक इसके निदान के बारे में जानकारी देंगे।
सोयाबीन में रिंग कटर या गर्डल बीटल:
यह कीट सोयाबीन की फसल में सर्वाधिक नुकसान पहुंचाता है। इस कीट की मादा पती के डंठल या कोमल तने पर मुखांग से दो चक्र 3 से 7 से.मी. की दूरी पर बनाकर नीचे वाले चक्र के पास तीन छेद बनाती है तथा बीच वाले छेद के पास अंडे देती है। अंडों से भृंगक निकलने के बाद तने को अंदर ही अंदर खाकर खोखला कर देता है। जिससे तना कमजोर हो जाता है तथा जड़ों द्वारा अवशोषित जल व खनिज पत्तियों तक नहीं पहुंच पाता है और संपूर्ण पौधा सूखकर मुरझा जाता है। इस कारण फसल के उत्पादन में काफी कमी आती है।
प्रबंधन:
■खेत की ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई करें।
■ग्रसित पौधों की पत्तियों व तनों को तोड़कर नष्ट कर दें।
■कीट प्रतिरोधी किस्मों की बुवाई करें।।
जैविक नियंत्रण
■कीटों के आरम्भिक अवस्था में जैविक कीट नियंत्रण हेतु बी.टी एवं ब्यूवेरीया बैसियाना आधरित जैविक कीटनाशक 1 किलोग्राम या 1 लीटर प्रति हेक्टर की दर से बुवाई के 35-40 दिन तथा 50-55 दिन बाद छिड़काव करें।
■एन.पी.वी. वायरस का 250 एल.ई समतुल्य का 500 लीटर पानी में घोलकर बनाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें। रासायनिक कीटनाशकों की जगह जैविक कीटनाशकों को अदला बदली कर डालना लाभदायक होता है।
■ गर्डल बीटल प्रभावित क्षेत्र में जे.एस. 335, जे.एस. 80 – 21, जे.एस 90 – 41, लगावें
रासायनिक प्रबंधन:
■लेमड़ा सहेलोथ्रिन 4.9% EC@ 200 मिली/एकड़ या प्रोफेनोफोस 40 %+साइपरमेथ्रिन 4 % EC@400 मिली/एकड़ का उपयोग करें।
■ क्युँनालफॉस 25% EC 25% EC@400 मिली/एकड़ या बायफेनथ्रिन 10% EC@300 मिली/एकड़ का उपयोग करें।
■Emamectin Benzoate 1.5% + fipronil 3.5%SC knock out नॉक आउट 20 ml प्रति पंप या 500 ml प्रति हेक्टेयर।
■Thiamethoxam12.6%SC + Lamdacyhalothrin 9.5% SC
Lock down लॉक डाउन 6-8 ml प्रति पंप या 150 से 200 ml प्रति हेक्टेयर।
■ साथ मे 30 ml सील जी SIL G प्रति टैंक
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साभार
डॉ गजेंन्द्र चन्द्राकर
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर
तकनीक प्रचारक
"हम कृषकों तक तकनीक पहुंचाते हैं"
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