जैविक खेती- यूरिया का जैविक विकल्प ग्लीरिसिडिया पेड़
■ कृषि कार्य मे उपयोग होने वाले रसायनिक उर्वरको में सबसे अधिक उपयोग होने वाला उर्वरक है "यूरिया" पिछले कुछ दशकों से यूरिया की अंधाधुंध किसान भाई छिड़काव कर रहे है जिससे कि भू- संरचना काफी बिगड़ती चली जा रही है। वही कई राज्य यूरिया की कमी से जूझ रहे है। ऐसे में जरूरत है कि यूरिया का कुछ न कुछ जैविक विकल्प निकाला जाए।
■ यूरिया पौधों को नाइट्रोजन प्रदान करता है आज के समय मे ऐसे जैविक विकल्पों की आवश्यकता है जिससे नाइट्रोजन की पूर्ति की जा सके।
■ पिछले कुछ लेखों में हमने बताया है कि गौ अंश आधारित अमृत पानी,गौ मूत्र, जीवामृत,घन जीवामृत का प्रयोग कर फसल को बचाया जा सकता है और बहुत हद तक यूरिया का विकल्प भी बन सकता है।
आज की कड़ी में हम एक ऐसे पेड़ के बारे में बताएंगे जिसमे भरपूर मात्रा में नाइट्रोजन उपलब्ध होता है और बन सकता है "यूरिया का जैविक विकल्प"
■ नाइट्रोजन की पूर्ति के लिए किसान रासायनिक यूरिया खाद का इस्तेमाल करते है और इस पौधे में 46% नाइट्रोजन विद्यमान रहता है।
■ जैविक खेती में नाइट्रोजन खाद का यह एक अच्छा विकल्प है जो फसल को 34% नाइट्रोजन तत्व की पूर्ति देने में सक्षम है।
■ ग्लीरिसिडिया अथवा गिरिपुष्प यह एक पेड़ है जो आमतौर पर बारह फीट से 12 मीटर तक लंबा होता है। यह एक तेजी से बढ़ने वाला पौधा है। नाइट्रोजन उर्वरक की आपूर्ति के लिए उस पौधे की पत्तियां एक बढ़िया साधन होती हैं।
कैसे पूर्ति करता है नाइट्रोजन की
■ जब इस पेड़ के पत्ते खेत में गिरते है, तो वे कुछ दिनों के बाद अपने आप सड़ जाते हैं और मिट्टी को नाइट्रोजन की बड़ी आपूर्ति हो जाती है। इस पौधे के पत्तियों में दुनिया में सबसे ज्यादा नाइट्रोजन की मात्रा होती है।
■ इसलिए, अपने खेत की मेड़ पर ग्लाइसीरिडिया के पेड़ अवश्य लगाने चाहिए।
बहुत काम की हैं पत्तिया :
■ इस पौधे के पत्तियों से बना खाद फसल और भूमि में कार्बनिक प्रतिशत बढ़ाने का अचूक हतियार है। इसकी पत्तियों में नाइट्रोजन 2.4%, फास्फरस 0.1%, पोटेशियम- 1.8% और कैल्सीअम, मैग्नीज़ीअम जैसे तत्व पाए जाते है। किसान इसकी पत्तिया का उपयोग देसीखाद, कंपोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट केे साथ कर सकते है।
■ ग्लीरिसिडिया के पौधों को 700 मीटर लंबी मेड पर उगाया जाता है तो उससे लगभग 30 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति हेक्टेर प्रति वर्ष प्राप्त होती है।
इन चीजों में भी है यह उपयोगी यह पेड़
■ग्लीरिसिडिया/ गिरिपुष्प खेत में बाड़ बनाने के लिए एक बढ़िया विकल्प है।
■वृक्ष हवा में से नाइट्रोजन को लेकर मिट्टी में छोड़ता है और मिट्टी के कार्बनिक पदार्थों को बढ़ाने के लिए हरी खाद के रूप में अच्छी तरह से काम करता है।
■ इस पेड़ पर बहुत ज्यादा मात्रा में पत्ती लगने के कारण यह पौधा मिट्टी के पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण में सहायता करता है। यह मिट्टी में हवा के आवागमन को बढ़ाता है और मिट्टी के तापमान को कम करता है।
■इसके फूल और फूलों की कलिया मधुमक्खियों के लिए अमृत का एक अच्छा स्रोत हैं।
चूहों के नियंत्रण में भी है सहायक
■एक प्रभावी चूहा जहर प्राप्त करने के लिए इसके बीज और छाल को अनाज के साथ मिश्रित किया जाता है।
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