खाद्य पदार्थों में मिलावट की जाँच हेतु घरेलू उपाय
शरीर के पोषण के लिये एक व्यक्ति को विभिन्न भोज्य/खाद्य पदार्थों की रोज आवश्यकता है जिसके लिए सामान्य तौर पर एक परिवार अपनी आय का लगभग 50 फीसदी भाग खाद्य पदार्थों पर खर्च करता है। अधिकाशत: परिवार अपने खाद्य पदार्थों में पोषण तत्वों के प्रति सजग रहते हैं। प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट विटामिन तथा खनिज लवण आदि को आहार में शामिल करना आवश्यक है तथा ये सभी पोषक तत्व खाद्य सामग्री द्वारा ही प्राप्त किये जा सकते हैं। यह तभी संभव है जब बाजार में मिलने वाला खाद्य पदार्थ (दालें, अनाज, दूध, मिठाई, मसाले, तेल आदि) मिलावट रहित हों। अपमिश्रित खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता काफी कम हो जाती है क्योंकि इसमें सस्ते पदार्थ जैसे रंग इत्यादि मिला दिये जाते हैं। इन्हें मिलाने से उत्पाद तो आकर्षक दिखने लगता है जिससे बिक्री ज्यादा होती है परन्तु उनकी पोषकता प्रभावित होती है व स्वास्थ्य के लिये हानिकारक सिध्द होते हैं।
सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ जैसे गेहूँ, आटा, दूध, शहद, दालें, मसाले, चाय पत्ती, मेवे, इत्यादि में इस तरह मिलावट की जाती है कि मूल खाद्य पदार्थ तथा मिलावट वाले खाद्य पदार्थ में भेद करना काफी मुश्किल हो जाता है। मिलावट युक्त आहार का उपयोग करने से शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा शरीर में विकार उत्पन्न होने की सम्भावना बढ़ जाती है। अपभोक्ता को आर्थिक हानि का भी सामना करना पड़ता है। खाद्य पदार्थों को उपयोग करने से पूर्व यदि मिलावट की जाँच हो जाये तो उपभोक्ता काफी हद तक स्वास्थ्य सबंधित समस्याओं से बच सकता है।
आज की कड़ी में आप सभी को यह पता चलेगा कि अपने खाध पदार्थो में मिलावट का परीक्षण घर पर ही कैसे कर सकते है।
दूध में डिटर्जेट का परीक्षण
आधा कप दूध में बराबर मात्रा में पानी मिलाएं. यदि झाग आए तो दूध में डिटर्जेट मिला हुआ है।
सिंथेटिक दूध का परीक्षण
सिंथेटिक दूध को हथेलियों के बीच रगड़ें यदि यह साबुन जैसा लगे तो यह सिंथेटिक दूध हो सकता है। इसके अलावा सिंथेटिक दूध गर्म करने पर हल्का पीला हो जाता है।
दूध में स्टार्च का परीक्षण
दूध में कुछ बूचे आयोडीन टिंचर या आयोडीन सॉल्यूशन की डालें यदि दूध का रंग नीला हो जाए तो इसमें स्टार्च है।
दूध में पानी का परीक्षण
दूध की कुछ बूदें किसी सतह पर डालें, सतह को थोडा टेका करें। यदि दूध की बूंद धीरे-धीरे ढलान की तरफ जाए और पीछे सफेद लकीर छोडे तो इसमें पानी नहीं मिला है, जबकि दूध की
बूंद तेजी से ढलान की तरफ फिसल जाए और पीछे निशान भी न छोडे तो इसमें पानी मिला है।
मिलावटी मावे का परीक्षण
मावा लेते वक्त उंगलियों से मसल कर देखें अगर यह दानेदार है तो यह मिलावटी हो सकता है।
मिलावटी धी का परीक्षण
घी की कुछ बूंदें आयोडीन टिंचर की मिलाने पर यदिघी का रंग नीला हो जाए तो घी में आलू या शकरकंदी या अन्य स्टार्च मिलाया गया है।
मिलावटी पनीर का परीक्षण
पनीर को पानी में उबाल कर इसमें कुछ बूंदें आयोडिन टिंचर की डालने पर यदि पनीर का रंग नीला हो जाए तो यह मिलावटी है।
मिलावटी आटे का परीक्षण
आटा गूंथन पर मैदा जैसा लगे और रोटियां टूट जाएं तो समझें कि इसमें चावल की पॉलिश मिली हो सकती है।आटा
में चूना मिला होने पर रोटी सामान्य से ज्यादा सफेद दिखेगी।
मिलावटी नारियल तेल का परीक्षण
नारियल के तल को फ्रिज में रखने पर नारियल तेल अलग और इसमं मिलाए गए अन्य तेल की परत अलग से जमेगी।
दाल में रंग की पहचान
एक चम्मच दाल में एक चम्मच पानी डालें। कुछ बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड की डालें।यदि गुलाबी रंग दिखाई दे तो इसमें लेड क्रोमेट मिलाया गया है। यदि गहरा लाल रंग दिखाई दे तो दाल में मेटानिलयलो नामक रंग मिलाया गया है।
साभार
डॉ. राम निवास, विषय विशेषज्ञ (पशुपालन)
कृषि विज्ञान केन्द्र, पोकरण
अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें ।
डॉ. के.डी. खिडिया, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख
Comments