सप्तधान्य अंकुर पौध बढ़वार टॉनिक
किसान भाई अपने फसल को स्वस्थ रखने के लिए एवं अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए कई तरह के टॉनिक का उपयोग करते हैं जोकि कृषि लागत को तो बढ़ाता ही है एवं कई घातक बीमारियों को आमंत्रित भी करता है आज की कड़ी में हम कुछ ऐसी विधियों के बारे में जानेंगे जोकि पूर्ण रूप से जैविक है एवं किसान भाई उसे अपने घर पर ही आसानी से बिना किसी खर्च के बना सकते हैं।
यह विधि को साकेत ट्रस्ट द्वारा किसान भाइयों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताई गई है जिसका उपयोग कई किसान भाई कर रहे हैं एवं अच्छी उपज प्राप्त कर जैविक खेती को बढ़ावा भी दे रहे है।
ऐसे ही एक कृषक है छत्तीसगढ़ के श्री अनिल चौहारिया जी जो कि दुर्ग जिले ग्राम पिसेगांव के निवासी है जो कि 28 एकड़ में धान, चना, सरसों, मूंग , उड़द की जैविक खेती विगत 4 वर्षों से करते आ रहे है, एवं इस वर्ष देशी बीजो के साथगन्ना,हल्दी,मिर्च,मूंगफली ज्वार, बाजरा,मक्का,अरहर फसल पर भी ट्रायल चल रहा है।
श्री अनिल चौहरिया जी के अनुसार ये विधियां किसान भाइयों के लिए काफी उपयोगी है,एवम सभी फसलों के लिए कारगर है। इनका उपयोग कर किसान भाई जैविक खेती की शुरुआत बड़ी आसानी से कर सकते है।
शक्तिवर्धक दवा-सप्तधान्य अंकुर काढ़ा
सभी फसलों पर फल और फूल आने की स्थिति में टॉनिक के रूप में उपयोग लाभदायक है।
दाने फल फूल सब्जियों में चमक आने के साथ साथ आकार वजन को बढ़ाता है। खाने में अधिक स्वाद भी मिलता है।
प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, सूक्ष्म तत्व आदि मिलते हैं साथ ही गौमूत्र नाइट्रोजन की कमी पूरी करता है।
आवश्यक सामग्री
■10 लीटर गौ मूत्र
■100 ग्राम तिल
■100 ग्राम मूंग
■100 ग्राम उड़द
■100 ग्राम लोबिया
■100 ग्राम मोंठ
■100ग्राम मसूर
■100 ग्राम चना
■100 ग्राम गेंहू
■200 लीटर पानी
निर्माण की विधि
■शाम को कटोरी में तिल लेकर पानी मे भिगो देंवे।
■अगले दिन सुबह मूंग, उड़द लोबिया, मोंठ, मसूर, चना, गेंहू, न सात अनाजो को 100-100ग्राम दाने हांथ से मिलाकर पानी मे भिगो दें।
■तीसरे दिन सुबह सभी प्रकार के दाने पानी से निकाले और गीले कपड़े में बांधकर अंकुरण के लिए डाल दे।
■जिस पानी मे दाने भिगोए थे, उसे ना फेंके
■जब 1 सेंटीमीटर के अंकुर निकल जाए तो इस सामग्री को सिलबट्टे पर चटनी बना ले।
■200 लीटर पानी मे ये चटनी , दानों को भिगोया हुआ पानी (जिसे फेंकने से पूर्व में मना किया गया था) और 10 लीटर गौ मूत्र अच्छे से मिला दे।
■अब इसे कपड़े से छानकर स्प्रे करे।
भंडारण व अन्य सावधानियां
दवा सप्त धान्य अंकुर काढ़े को भंडारित ना करे ,बनाकर तुरन्त स्प्रे करे।
कैसे करे उपयोग
■फसल के दुगध्यावस्था में,फल-फली के बाल्यावस्था में तथा हरी सब्जी काटने के 5 दिन पहले,या फूलों में कली निकलते समय इस काढ़े का प्रयोग करने से प्रभावी परिणाम मिलेंगे।
किन फसलों पर प्रयोग करे
इस काढ़े का प्रयोग सभी प्रकार के फसलों पर कर सकते है।
विधि साभार
(साकेत)
सतत कृषि ज्ञान एवम
शशक्तिकरण संस्था
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