#सर्पगंधा【Rauvolfia serpentina】
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पहले इसे पागलों की दवा भी कहा जाता था क्योंकि सर्पगंधा के प्रयोग से पागलपन भी ठीक होता है। यह कफ और वात को शान्त करता है, पित्त को बढ़ाता है और भोजन में रुचि पैदा करता है। यह दर्द को खत्म करता है, नींद लाता है और कामभावना को शान्त करता है। सर्पगंधा घाव को भरता है और पेट के कीड़े को नष्ट करता है।
सामान्यतः सर्पगंधा एक झाड़ीनुमा पौधा है और पूरे भारत में पाया जाता है। यह बीज और रूट कटिंग के माध्यम से लगाया जाता है। इसके पौधे एल्कोलाइड रेसेरपाइन, अजमलिन और सर्पेन्टाइन से भरपूर है। इसकी जड़ें एंटी-हाइपरटेंसिव और ट्रैंक्विलाइज़र के रूप में इस्तेमाल की जाती हैं।इसके रेसेरपाइन का उपयोग मध्यम उच्च रक्तचाप के लिए किया जाता है।
सर्पगंधा के फायदे और नुकसान
दुनिया भर में सर्पगंधा की कई प्रजातियां पाई जाती हैं. लेकिन यदि बात इसके औषधीय पौधों की करें तो इसमें सभी लगभग एक समान ही हैं. हलांकि अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से इनमें कई गुण अलग-अलग भी हैं लेकिन कुछ गुणों में समानता भी है. सर्पगंधा का वैज्ञानिक नाम रावोल्फिया सर्पेंटीना है. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है सर्पगंधा, सांप के काटने में बहुत उपयोगी साबित होता है. इसकी जड़ का औषधीय इस्तेमाल बहुत व्यापक है. आइए सर्पगंधा के फायदे और नुकसान को जानने की कोशिश करते हैं.
1. सांप काटने में
सर्पगंधा का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के जहरीले पदार्थों को निष्क्रिय करने में किया जाता है. इसलिए सर्प दंश के उपचार में भी यह बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके अलावा सर्पगंधा का उपयोग ज्वर, अतिसार और हैजा जैसी समस्याओं के उपचार में भी किया जाता है. सांप के काटने सांप काटने के उपचार में सर्पगंधा की जड़ का एक से दो तोला पानी के साथ घीसें. फिर इसे जिस व्यक्ति को सांप ने काटा है उसे पिलायें और जहाँ सांप ने काटा है वहां पर इसका लेप करें. ऐसा करने से विषाक्तता कम होती हैं इसके अलावा सर्पगंधा की ताजी पत्तियों को पांव के तलवे के नीचे लगाने से भी लाभ मिलता है.
2. नींद ना आने पर
नींद ना आने की बीमारी जिसे अनिद्रा कहा जाता है. उसमें भी सर्पगंधा काफी लाभदायक साबित होता है. इसके अलावा बेचैनी, थकान और अनिद्रा जैसी समस्याओं में भी काफी राहत देने का काम करता है. यदि आप भी अनिद्रा के शिकार हैं तो सोने सोने से पहले एक चौथाई छोटा चम्मच सर्पगंधा चूर्ण को घी के साथ मिलाकर सेवन करें. ऐसा करने से आपको अनिद्रा में लाभ मिलता है.
3. ह्रदय रोग से सम्बंधित विकारों में
हृदय रोग से संबंधित कई तरह के विकारों को दूर करने में सर्पगंधा की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. सर्पगंधा हमारे दिल की गति को सामान्य करता. इसके अलावा सर्पगंधा की जड़ों कारस दिया और उच्च रक्तचाप के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण औषधि है. सर्पगंधा धमनियों के साथ होने स्ट्रोक और दिल के दौरे जैसी स्थिति हो को भी कम कर सकता है.
4. पीरियड्स के दौरान
सर्पगंधा महिलाओं के अनियमित हो रहे पीरियड्स को नियमित करने में भी काफी मददगार साबित होता है. इसके अलावा पीरियड्स के दौरान होने वाली विभिन्न परेशानियों को भी दूर करने में इसकी भूमिका होती है. इस दौरान होने वाले अवसाद मैडम सूजन आदि को भी यह सर्पगंधा दूर करता है.
5. गठिया के उपचार में
सर्पगंधा का उपयोग गठिया पीड़ित भी कर सकते हैं. जोड़ों में होने वाले दर्द को भी सर्पगंधा की सहायता से दूर किया जा सकता है. इसके अलावा सर्पगंधा का उपयोग मोतियाबिंद, शीघ्रपतन और जल्दी स्खलन आदि के उपचार में भी किया जाता है. यदि आप भी इन समस्याओं से दो-चार हो रहे हैं तो इसका इस्तेमाल करें.
सर्पगंधा के नुकसान
■तनाव से पीड़ित व्यक्ति इसका इस्तेमाल नहीं करें.
गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं सर्पगंधा का इस्तेमाल करने से बचें।
■कई लोगों के लिए सर्पगंधा का इस्तेमाल पेट में जलन जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है।
■शराबी लोग भी इसका इस्तेमाल करने से बचे. क्योंकि इससे नींद आने की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
■सर्पगंधा में पाए जाने वाले रसायन की वजह से कुछ लोगों को नाशिक खून बने उल्टी होने जी मत लाने और भूख न लगने जैसे समस्या हो सकती हैं।
कोशिश करें कि किसी चिकित्सक की सलाह से ही सर्पगंधा का सेवन करें।
सर्पगंधा से जुड़ी कोई जानकारी आपके पास हो तो अवश्य साझा करें।
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