सावधान:-फरवरी से अप्रैल तक खीरे की फसल में होता है "लीफ माइनर'" कीट का आतंक।
डॉ गजेंन्द्र चन्द्राकर(वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक)
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर
आज की कड़ी में हम जानेंगे की इस कीट के लक्षण क्या है एवं इसका प्रबंधन किस प्रकार किया जा सकता है।
लक्षण
प्रबंधन के उपाय :-
ग्रसित पत्तियों को इकठ्ठा करके नष्ट कर दें|
कीट के प्यूपा जमीन में होते इसके लिए कारटाप हाईड्रो क्लोराईड 4 % GR 10 किलो प्रति एकड़ जमीन में मिलाये| या खेत की तैयारी के समय नीम की खली का 200 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से उपयोग करें। या मेट्रिहिज़ियम ऐनिसोपला की 2-4 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से 50 किलो अच्छे से सड़ी हुई गोबर की खाद में मिला कर खेत की तैयारी के समय या खड़ी फसल में उपयोग करें ।
आने से पूर्व बचाव हेतु:-
नीम का तेल 1000 पीपीएम @ 600 मिली प्रति 200 लीटर पानी प्रति एकड़ का छिड़काव दो बार करे ।
जैविक नियंत्रण:-
बेवेरिया बासियाना @ 1 किलो + मेट्रिहिज़ियम ऐनिसोपला 400 ग्राम प्रति 200 लीटर पानी प्रति एकड़ में मिलाकर छिड़काव करें।
प्रभावकारी उपचार:-
■Spinetoram 11.7 % SC160 - 180 ML / Acre Or 0.25 - 0.40 Ml / Liter Water +SIL G 2 ml / water + Azadirachtin 0.03% Min. Neem Oil Based E.C. Containing
Dose : 1000-1500ml 500 पानी मे।
या
■Spinosad 45% SC
Dose : 60 ml/acre/6 ml/pump
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