*🌱 लौकी में लाल कीट का नियंत्रण👍*
🌟 लाल बीटल लौकी के पत्तियों को खाकर फसलों को नुकसान पहुंचाता हैं इसके अधिक प्रकोप में काफी नुकसान होता हैं|
✡️ लौकी के खेत के पास ककड़ी, तोरी, टिंडा आदि की बुवाई न करे क्योकि ये पौधे इस कीट के जीवन चक्र में सहायक होते हैं।
🌟 पुरानी फसल के अवशेष को नष्ट कर दें |
✡️ यदि फसल की प्रारंभिक अवस्था में, कीट दिखाई दे तो उसे हाथ से पकड़कर नष्ट कर दें।
आने से पूर्व बचाव हेतु :- नीम का तेल 1000 पीपीएम @ 600 मिली प्रति 200 लीटर पानी प्रति एकड़ का छिड़काव दो बार करे ।
🌟 जैविक नियंत्रण :-बेवेरिया बासियाना @ 1 किलो + मेट्रिहिज़ियम ऐनिसोपला 400 ग्राम प्रति 200 लीटर पानी प्रति एकड़ में मिलाकर छिड़काव करें।
✡️ साईपरमेथ्रिन 25% ईसी 150 मि.ली.प्रति एकड़ + डायमिथोएट 30% ईसी 300 मि.ली. प्रति 200 लीटर पानी प्रति एकड़ की दर से घोल बना कर छिडकाव करें। या कार्बारिल 50% डब्लू पी 450 ग्राम प्रति 200 लीटर पानी प्रति एकड़ की दर से घोल बना कर छिड़काव करें। पहला छिडकाव रोपण के 15 दिन व दूसरा इसके 7 दिन बाद करें|
🌟 डाइक्लोरवास (डीडीवीपी) 76% ईसी का 250-350 मिली 200 लीटर पानी प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करके इस कीट का नियंत्रण किया जा सकता हैं |
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