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बाजार में नकली खाद-बीज की बिक्री जोरों पर, किसान ऐसे करें नकली-असली की पहचान।

 
बाजार में नकली खाद-बीज की बिक्री जोरों पर, किसान ऐसे करें नकली-असली की पहचान।
कृषि कार्य मे मुख्यतः बीज एवम उर्वरको के समय-समय पर कमी होने पर कई बार दुकानदारों के द्वारा मिलावटी बीज-खाद दे दिया जाता है जिससे फसलों के साथ साथ किसानों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है साथ पैदावार में भी काफी कमी आती है | किसानों के द्वारा अक्सर यह शिकायत की जाती है की उन्होंने ने जो बीज/खाद खरीदी है उसमें मिलावट है ।



 सरकार के द्वारा भी हर वर्ष कई खाद, बीज, एवं उर्वरक प्रतिष्ठानों पर छापा मारी की जाती है जहाँ से काफी मात्रा में मिलावटी बीज/उर्वरक प्राप्त होता हैं । रसायनिक उर्वरक यूरिया में साधारण नमक, प्यरेट ऑफ पोटाश, एसएसपी, रॉक फास्फेट, चिकनी मिट्टी आदि की मिलावट का अंदेशा रहता है। इसी तरह डीएपी में क्ले मिट्टी जिप्सम की गोलियां, एसएसपी, एमओपी उर्वरकों में बालू एवं साधारण नमक, उर्वरक एनपीके में एसएसपी, रॉक फॉस्फेट, एनपीके मिश्रण, जिंक सल्फेट में मैगनिश्यिम सल्फेट तथा कॉपर सल्फेट एवं फेरस सल्फेट उर्वरक में बालू व साधारण नमक की मिलावट की जाती है | किसान इन  विधियो से कर सकते हैं मिलावटी बीज यूरिया एवं डी.ए.पी. की जांच मिलावटी यूरिया एवं डी.ए.पी. की जांच।

भारत सरकार के सेन्ट्रल फॅर्टिलाईजर क्वालिटी कन्ट्रोल एण्ड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट फरीदाबाद द्वारा रसायनिक उर्वरकों में मिलावट की जांच के लिए बहुत ही आसान तरीका बताया गया है। 

जिसे आज की कड़ी में डॉ गजेंन्द्र चन्द्राकर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक बताएंगे  कि  कृषक बीज एवम रसायिनक उर्वरकों की गुणवत्ता की जांच त्वरित रूप से कैसे कर सकते हैं।




वैज्ञानिक विधि से जांचे असली बीज की गुणवत्ता

किसान चाहे तो बुआई से पहले घर पर भी बीज की गुणवत्ता का परीक्षण कर सकता है। इसके लिए उसे वैज्ञानिक विधि काम में लेनी पड़ेगी। बीज परीक्षण के लिए सूती कपड़ा विधि और अखबार विधि का इस्तेमाल किसान के लिए अधिक आसान रहेगा।

सूती कपड़ा विधि
100 बीजों को सूती कपड़े या जूट की बोरी में दूर-दूर रखें।
कपड़े या बोरी को गीला कर ढंककर अंधेरी जगह रखें।
पांच दिन बाद उगे बीजों की संख्या गिन कर प्रतिशत निकाल लें।

अखबार विधि
◆ अखबार के पृष्ठ को एन आकृति में चार समान हिस्सों में मोड लें।
◆ बीजों को कतार में बिछा लें।
मोड़े हुए पेपर के दोनों छोरों को धागे से बांध दें।
◆ पेपर को गीला कर पॉलीथिन में रखें और उसका मुंह बांध दें।
चार-पांच दिन बाद अंकुरण की स्थिति देख प्रतिशत निकाल लें।

 सरकारी प्रयोगशालाओं में कराए निःशुल्क जांच

सरकारी प्रयोगशाला में निशुल्क होती है बीजों की जांच
प्लांट ब्रीडिंग एंड जेनेटिक्स एक्सपर्ट् कहते हैं कि अच्छे उत्पादन के लिए किसान को बुवाई से पहले बीज अंकुरण परीक्षण करवा लेना चाहिए। परीक्षण में यदि 80 से 90 फीसदी बीजों का अंकुरण हो तो बीज बेहतर माना जाता है।60-70 फीसदी अंकुरण की स्थिति में बीजदर बढ़ाई जा सकती है। 60 फीसदी से कम बीजों में अंकुरण हो तो बीज बदलना चाहिए। किसान चाहे तो बीज प्रमाणीकरण प्रयोगशाला में बीज की निशुल्क जांच कराकर उसकी अंकुरण क्षमता जांच सकता है। प्रयोगशाला में नमूना जमा कराने के एक सप्ताह बाद किसान को रिपोर्ट सौंप दी जाती है, जिसमें किसानों को उपज की अंकुरण क्षमता, गुणवत्ता की अधिकृत रिपोर्ट सौंपी जाती है। साथ ही किसान द्वारा उपज की बीज के रूप में बुवाई की मात्रा की भी सिफारिश की जाती है।

किसान खुद इस तरह चेक करें यूरिया एवं डी.ए.पी खाद में कोई मिलावट तो नहीं है ।


यूरिया की जांच ऐसे करे।

■ मिलावटी यूरिया की जांच शुद्ध यूरिया चमकदार, लगभग समान आकार के दाने वाला, पानी में पूर्णतः घुलनशील होता है।
■ शुद्ध यूरिया को पानी घोलकर छूने पर ठंडेपन का एहसास होता है। 
■गर्म तवे पर रखने पर शुद्ध यूरिया पूरी तरह पिघल जाता है और ऑच तेज करने पर कोई अवशेष नहीं बचता। 
■इसकी शुद्धता के परीक्षण का सबसे आसान तरीका यह है कि थोड़ा सा पानी हथेली पर ले, दो मिनट बाद जब हथेली और पानी का तापमान एक समान हो जाए तो उसमें 10-15 दाने यूरिया के डाले। शुद्ध यूरिया पानी में पूरी तरह घुलकर हथेली को ठण्डक प्रदान करेगा। यदि ठण्डक महसूस न हो तो यूरिया मिलावटी है। यूरिया के परीक्षण का दूसरा तरीका यह है कि एक चम्मच यूरिया घोल में आधा मिलीलीटर बेरियम क्लोराईड मिलाने पर शुद्ध यूरिया का घोल स्वच्छ होगा। यदि सफेद अवक्षेप मिलता है तो यूरिया मिलावटी है।


मिलावटी डी.ए.पी. की जांच ऐसे करे।

■ मिलावटी डी.ए.पी. की जांच शुद्ध डी.ए.पी. के दानों का आकार एकदम गोल नहीं होता, डी.ए.पी. के दानों को गर्म करने या जलाने पर दाने खुलकर साबुनदाने की भांति लगभग दोगुने आकार के हो जाए तो वह शुद्ध होगा। डी.ए.पी. के दानों को लेकर फर्श पर रखें फिर जूते से ताकत से रगड़े शुद्ध डी.ए.पी. के दाने आसानी से नहीं फूटेंगे। यदि दाने आसानी से टूट जाए तो डी.ए.पी. में मिलावट है। डी.ए.पी. में नाइट्रोजन की जांच के लिए एक ग्राम पीसे हुए डी.ए.पी. चूर्ण में चूना मिलाकर सूंघने पर अमोनिया की गंध आए तो उसमें नाइट्रोजन विद्यमान है। यदि अमोनिया की गंध महसूस न हो तो डी.ए.पी. मिलावटी है।

मिलावटी एस.एस.पी एवं जिंक सल्फेट की जांच
 मिलावटी सिंगल सुपर फास्फेट एवं जिंक सल्फेट की जांच सिंगल सुपर फास्फेट के शुद्धता की जांच के लिए उसके एक दाने को हथेली पर रगड़ने से टूट जाए तो वह शुद्ध है।

शुद्ध जिंक सल्फेट पानी में घुलनशील होता है, लेकिन इसका घोल यूरिया, पोटाश के घोल की तरह ठण्डा नहीं होता तो वह शुद्ध है।


डी.ए.पी. के घोल में जिंक सल्फेट के घोल को मिलाने पर थक्केदार घना अवक्षेप बन जाता है।

पोटाश की जांच ऐसे करे। 



1. इसके दाने पिसे नमक और लालमिर्च के मिश्रण के कण जैसे होते हैं|

2. इसके कणों को पानी में घोले जाने पर लाल भाग सदैव पानी के ऊपर तैरता पाया जाता है

3. इसके कणों को नम कर दिया जाये तो आपस में कभी भी चिपकते नही हैं|



साभार
डॉ गजेंन्द्र चन्द्राकर
(वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक)
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय
रायपुर छत्तीसगढ़
प्रचारकर्ता
"हम कृषकों तक तकनीक पहुंचाते हैं"


Comments

Unknown said…
Very informative.

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