जैविक खेती:- जानिए किसान भाई कैसे घर पर बना सकते है दसपर्णी अर्क जैविक कीटनाशक
तना छेदक फलों में होने वाली सूंडी एवम इल्लियों के प्रबंधन में काम आता है दसपर्णी अर्क
दशपर्णी अर्क शब्द में दो अलग-अलग शब्द शामिल हैं: ‘दशा’ का अर्थ है ‘दस’ और ‘पारना’ का मतलब पौधे या पेड़ का पत्ता है। ‘अर्क’ का मतलब है, रस को निकालना। यह एक प्राकृतिक कीटनाशक है, जिसका उपयोग किसी भी फसल और सब्जी के पौधों या फलों के पेड़ों पर किया जा सकता है।
दशपर्णी अर्क में यूरिया की उच्च मात्रा होने के कारण कीट और कीड़े आदि फसल, पौधों और कलियों पर हमला नहीं करतें है। अमृत और सुगंध के कारण जो कीड़े और कीट पौधों की तरफ आकर्षित होते है, वे दशपर्णी अर्क की तीखी और बुरी गंध के कारण पौधों से दूर रहते हैं, और जिनके द्वारा पौधों की रक्षा की जा सकती है।
यह मिश्रण किसानो द्वारा आसानी से घर पर बनाया जा सकता है।
दशपर्णी अर्क के लिए आवश्यक सामग्री:
1. अर्क, निर्गुणी, गुड़हल, कनेर, नीम, घानेरी, सीताफल, अरंड,धतूरा,पपीते की पत्तियां 2 किलोग्राम।
2. गाय का गोबर 3-4 किलोग्राम।
3. गौ-मूत्र 2-3 लीटर।
4. पानी 200 लीटर।
बनाने की विधि:
चरण 1:
एक टैंक में 200 लीटर पानी लें और फिर उसमे दस पौधों की हरी पत्तियां 2 किलोग्राम की मात्रा में डाले। इसके बाद डूबी हुई पत्तियों में 5 लीटर गौ-मूत्र और 5 किलोग्राम गाय के गोबर को डाले और इस मिश्रण को अच्छी तरह मिलाए।
चरण 2:
बने हुए मिश्रण को 5 दिनों के लिए छोड़ दें। 6 वें दिन 5-7 लीटर पानी फिर से मिश्रण में डालें और टैंक में मौजूद सभी सामग्रियों को अच्छी तरह से मिला लें।
चरण 3:
इस मिश्रण को 1 महीने के लिए छोड़ दें। समय पूरा होने पर इस मिश्रण को छान लें और उसका उपयोग करें।
तैयारी का समय:
1 महीने।
भंडारण:
4 महीने।
उपयोग:
1. स्प्रे-सिस्टम – कीटनाशक एक फोलिअर-स्प्रे के रूप में लागू किया जा सकता है।
ध्यान दें:
1. 125 मिलीलीटर कीटनाशक को 10 लीटर पानी के साथ मिलाए।
2. 2.5 लीटर कीटनाशक को 200 लीटर पानी के साथ एक हेक्टेयर के लिए प्रयोग करें।
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(1)नीम पत्ती व निंबोली 2 /2.5 किलो आवश्यक है । इसके अतिरिक्त अर्क (मदार),धतूरा, निर्गुंडी, गुड़हल ,कनेर,अरंडी,घानेरी,करंज,पपीता,सीताफल, अरंड, गुड़वेल की पत्तियां,जंगली तुलसी,अजवाइन, तंबाकू सभी पत्तियां(जो जो भी उपलब्ध हो सके) लगभग 1 किलोग्राम। लहसुन पेस्ट 100ग्राम,लाल मिर्च पावडर या हरीमिर्च पेस्ट 200 से 350 ग्राम
(2.) गाय का गोबर लगभग 1 से 2 किलोग्राम।
(3.) गौ-मूत्र 1/2 लीटर।
(4.)पानी 100 लीटर।
बनाने की विधि:
चरण 1:
एक बड़े टैंक में 100 ंलीटर पानी लें और फिर उसमें उपरोक्त में से कम से कम दस पौधों की हरी पत्तियां चटनी बनाकर या बिल्कुल बारीक काटकर डाले।नीम जरूर लें। इसके बाद डूबी हुई पत्तियों में गौ-मूत्र और गाय के गोबर को डाले और फिर लहसुन पेस्ट, मिर्च पावडर को मिलाकर, इस मिश्रण को अच्छी तरह मिलाए।
चरण 2:
टैंक में मौजूद सभी सामग्रियों को अच्छी तरह से मिला लें।
चरण 3:
इस मिश्रण को ढककर छाया में रखें। दिन में कम से कम एक बार इसे किसी लकड़ी से हिलाकर मिक्स कर दे। लगभग 1 महीने पूरा होने पर इस मिश्रण को छान लें और उसका उपयोग करें।
*तैयारी का समय* :
1 महीने।
*भंडारण* :
5 से 6 महीने।
उपयोग:
1. स्प्रे-सिस्टम – कीटनाशक को एक स्प्रे बाटल के साथ प्रयोग किया जा सकता है।
ध्यान दें:
1. 125 मिलीलीटर कीटनाशक को 10 लीटर पानी के साथ मिलाए।
एक हेक्टेयर के लिए 2 से 2.5 लीटर कीटनाशक बनाकर उसे 200 लीटर पानी के साथ प्रयोग करें।-डॉ. सुप्रिया बापट,जैविक बागवानी समूह🌹🌿