जैविक खेती:- ऐसे बनाये जैविक तरल खाद जो DAP से 5 गुणा ज्यादा गुणवत्ता वाला है।
अधिकांश मानवीय बीमारियों का कारण जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ कृषि में उपयोग हो रहे रसायन भी हैं। इनमें मुख्य रूप से मानव द्वारा उपयोग की जाने वाली विषाक्त सब्जियां,अनाज एवं फल हैं जिनकी सुरक्षा हेतु अंधाधुंध रासायनिक उर्वरक व कीटनाशक का उपयोग किया जाता है। इन उर्वरक व कीटनाशकों के प्रयोग से अत्यधिक प्रयोग से इनके प्रति कीटों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है और कुछ प्रजातियों में तो प्रतिरोधक क्षमता विकसित भी हो चुकी है।
इसके अलावा रासायनिक उर्वरक व कीटनाशक अत्यधिक महगे होने के कारण किसानों को इन पर अत्यधिक खर्च करना पड़ता है। उर्वरक व कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से फसलों, सब्जियों व फलों की गुणवत्ता पर भी विपरीत असर पड़ता है। इन वस्तुस्थिति के फलस्वरूप वैज्ञानिकों का ध्यान प्राकतिक एवं जैविक उर्वरक व कीटनाशकों की ओर गया है जोन केवल सस्ते हैं बल्कि जिनके उपयोग से तैयार होने वाली फसल के किसी प्रकार के रासायनिक दुष्प्रभाव भी नहीं रहते हैं।
आज की कड़ी में हम एक ऐसे जैविक तरल खाद बनाने की विधि के बारे में बात करेंगे जो कि बहुत आसानी से बनाई जा सकती है।
आवश्यक सामग्री
1-गौ गोबर या भैस 40 किलो
2- गौ मूत्र या भैस 40 ली
3-मख्खन या सरसो तेल500 ग्राम
4-दूध गौ या भैस का ढाई ली या 3 ली
5-मट्ठा या दही गौ या भैस का 8ली दही को आप 4 किलो में 4 ली पानी मिलाकर पतला होने पर 8 ली , भी ले सकते है।
6-चना बेसन,मटर बेसन,मसूर की दाल का आटा इनमे से किसी एक को लेना हैं जो मिल जाये 1किलो लेंवे।
7-मेथी दाने का पाउडर 1 किलो
8-गुड़ 2 किलो
9-केला खूब पके हुए जो खाने लायक न हो 1 किलो ले।
10-सरसो खली 2 किलो
11-बरगद के नीचे की मिटटी और केले के पेड़ के पास की मिटटी 2-2 किलो दोनों की मिटटी लेना
निर्माण विधि
गोबर में पहले तेल और मट्ठा या दही को मिलाये फिर उसमे गुड़ को 2-3 ली पानी में घोल कर इसी गोवर में मिलाये फिर 200 ली प्लास्टिक ड्रम में इसको डाल दे फिर सभी चीजो को ड्रम में डाल कर डंडे से सभी बची हुई सामग्री डाल दे और मूत्र को भी डाल दे सरसो खली को पाउडर कर के डाले फिर बरगद और केले की मिटी को भी डाल दे पके केले को मसल कर पेस्ट बना कर मिला दे और सभी सामग्री को 15 मिनट तक डंडे से चलाये रोज सुबह शाम को 15 मिनट सीधा और फिर उल्टा चलाये।
कब तैयार होगा
7-10 दिन में ये तैयार हो जायेगा।
सिंचाई कैसे करे।
फिर 100 ली पानी इसमें मिला ले और खेतों मे छिड़के या वालू में या गोवर की सड़ी हुई खाद 5 बोरी या कण्डे व् उपले की राख 4 से 5 बोरी में इसको मिलाकर खेत में छिड़काव करे इस प्रकार से आप हर बार इसको बना कर इस्तेमाल कर सकते है पंप से जब फसल पर छिड़काव करना हो तब इसको चला कर फिर कपडे से छान कर 1 ली लेना है और 15 ली पानी में इसको मिला कर स्प्रे करे।
कद्दू वाली फसलो पर सिर्फ 200 ml से 300 ml ही 15 ली पानी में मिलाकर स्प्रे करें
स्प्रै 10 दिन से 15 दिन पर फसल की ग्रोथ देख कर प्रयोग करे।
नोट:- ऊपर जो सामग्री बताई गई है उसमे 10 किलो गौ कंडे या उपले की राख को शामिल कर इसको और ताकत वर बनाने के लिए इसमें 10 किलो गौ उपले या कण्डे की राख को भी मिला दे।
साभार/संकलित
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