कृषि सलाह-किस समय कितना नाइट्रोजन देना है गेहूं की फसल को बताएगा "पत्ता रंग चार्ट (एल सी सी) "
मिट्टी की उत्पादकता बढ़ाने के लिए जैविक खाद का प्रयोग अति आवश्यक है। परंतु जरूरत के अनुसार नाइट्रोजन खाद के इस्तेमाल के लिए पी ए यू एल सी सी अपनाना चाहिए जिससे किसान भाइयों को यह ज्ञात होगा कि गेँहू की फसल में कब कितने समय कितना नाइट्रोजन खाद (यूरिया) का प्रयोग करना चाहिए।
आज की कड़ी में हम जानेंगे कि आखिर क्या है ये पत्ता रंग चार्ट (एल सी सी) और कैसे इसका प्रयोग करना है।
पत्ता रंग चार्ट (एल सी सी) की उपयोग विधि
चित्र में देखकर आप जान गए होंगे कि यह एक प्लास्टिक की सीट में 6 कलर के पत्तियों के शेड बने होते है जो कि पैरामीटर के हिसाब से 3 से 6 के बीच होते है। पत्तियों के रंग से पत्ता रंग चार्ट का रंग मिलाकर पैरामीटर में नम्बर चेक कर लें। नम्बर की सहायता से आप नीचे लिखे अनुसंशा के आधार पर नाइट्रोजन (यूरिया)का प्रयोग करे।
गेहुँ में पी ए यू एल सी सी की सलाह
■ मध्यम उपजाऊ मिट्टी में बुआई के समय 55
कि.ग्रा. डी ए पि प्रति एकड़ डालें। बुआई के समय
यूरिया की ज़रूरत नहीं।
■ पहली सिंचाई के साथ (बुआई के 21-28 दिन के बाद) समय पर बोए गए गेहूँ में 40 कि.ग्रा. यूरिया प्रति एकड़ और देर से बोए गए गेहूँ (15 दिसंबर केबाद बोया गया) में 25 कि.ग्रा. यूरिया प्रति एकड़ डालें।
■ऊपरी सिरे से पहले पूर्ण विकसित पत्ते का रंग एलसी सी से केवल एक बार बुआई के 50-55 दिन के बाद (दूसरी सिंचाई से पहले) मिलाएँ।
■दूसरी सिंचाई के समय, यदि 10 में से 6 या उससेज़्यादा पत्तों का हरापन क्रमशः एल सी सी शेड 5.0 से ज्यादा हो तो 15 कि.ग्रा. यूरिया, शेड 4.5से 5.0, हो तो 30 कि.ग्रा. यूरिया, शेड 4.00 से4.5 हो तो 40 कि.ग्रा. यूरिया, और शेड 4.00 से
कम हो तो 55 कि.ग्रा. यूरिया प्रति एकड़ डालें।
नोट:
1. हमेशा अखंड पत्ते का रंग एल सी सी के साथ अपने शरीर की छाया के नीचे ही मिलाएँ।
2. पत्तों का हरापन नापने के लिए चुने गएपत्तों में ना कीड़ा लगा हो ना कोई बीमरी हो। फसल में पानी और दूसरे तत्वों की कमी नहीं होनी चाहिए।
3. गेहुँ में, बारिश के कारण दूसरी सिंचाई में देर हो जाए तो एल सी सी के साथ पत्तों का रंग मिलाने के बाद, नाइट्रोजन खाद बुआई के 50-55 दिन के बाद जरूर
डाल देनी चाहिए।
Comments