कृषि सलाह- अरहर में लगने वाले कीटो का प्रबंधन ऐसे करे।
अरहर खरीफ की मुख्य फसलो में से एक है। अरहर को मिश्रित फसल के रूप में अन्य किसी फसल के साथ उगाकर अतरिक्त लाभ लिया जा सकता है। दलहनी फसल होने के कारण यह मिटटी की उर्वरा शक्ति को भी बढ़ती है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, कैल्सियम, लोहा और खनिज पदार्थ पर्याप्त मात्रा में पाए जाते है।
अरहर की दीर्घकालीन किस्मे मिटटी में 200 किलोग्राम तक वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण कर मिटटी उर्वरता और उत्पादकता में वृद्धि करती है।
अरहर में लगने वाले कीट व्याधि से अरहर का उत्पादन काफी प्रभावित होता है।
आज की कड़ी में डॉ गजेंन्द्र चन्द्राकर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक अरहर लगने वाले मुख्य कीट एवम उनके प्रबंधन के उपाय बताएंगे।
अरहर के प्रमुख किट व उनका नियंत्रण
1. फली छेदक ( Pod borer)
रसायनिक नियंत्रण:-
▪ Indoxacarb 14.5 SC% @ 300 मिली / हेक्टेयर या Enamectin benzoate 5% SG @ 11gm / ha या Spinosad 45 SC @ 56-73 g / ha की दर से फली छेदक के विरूद्ध छिड़काव करना प्रभावी होता है
2.फली का मक्खी ( pod fly)
रसायनिक नियंत्रण
क्विनालफॉस 25% ईसी का छिड़काव फली मक्खी और फली बोरर के खिलाफ प्रभावी है
3.प्लम मोथ ( plume moth)
रसायनिक नियंत्रण
●थायोमेथॉक्ज़ाम 12.6% SC+ लैम्ब्डा सायहलोथ्रिन 9.5 % SC की मिश्रित दवा की 10 ml इसके लिए आप *सील जी SIL G 30 ml को प्रति टैंक के हिसाब से समान रूप से छिड़काव करें।
●फ्लूबैन्डामाईट 480 एससी का 150 मिली प्रति हेक्टेयर।
●क्लोरोन्टनीलीप्रोली 18.5 एससी 150 मि.ली. प्रति हेक्टेयर ।
●इमामेक्टीन बेन्जोएट 5 एसजी का 200 ग्राम प्रति हेक्टेयर ।
●स्पीनोसेड 45 एससी का 200 मिली. प्रति हेक्टेयर उपयोग करें ।
●कीटनाशकों की क्षमता को बढ़ाने के लिए दवा के साथ 2 ml प्रति लीटर पानी की दर से SIL G सील जी का उपयोग अवश्य करे।
4. फली की बग ( pod bug )
रसायनिक नियंत्रण
स्पिनोसैड या इमिडाक्लोप्रिड का उपयोग फली बग के क्विनालफॉस 25% ईसी का छिड़काव फली मक्खी और फली बोरर के खिलाफ प्रभावी है
कीट प्रबंधन के अन्य प्रभावकारी उपाय-
◆गर्मियों में गहरी जुताई करना चाहिए
◆अरहर के बीजों को ज्वार और मक्के के बीजों के साथ मिश्रित करके बोना चाहिए
◆फेरोमोन ट्रैप्स की स्थापना @ 5 / हेक्टेयर
◆कीटनाशकों उपयोग बदल-बदल कर करना चाहिये.
जैविक प्रबंधन
◆वानस्पतिक कीटनाशक का छिड़काव - नीम 1500 पीपीएम @ 800 मिली / एकड़
◆दशपर्णी अर्क/पांचपत्ति काढ़ा, 300 से 500ml/स्प्रेयर, बी टी 2ml / लीटर पानी,और बेवेरिया/मेटारिजियम 10 ml/लीटर पानी का प्रयोग काफी कारगर है।
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