कृषि सलाह:-चने की खेती कर रहे है तो इन किस्मो के बारे में भी जान लेंवे।
चना रबी फसल की प्रमुख फसलों में से एक है। चने को दलहनी फसलों का राजा भी कहा जाता है। किसान भाई रबी में चने की खेती करना चाहते है परन्तु बीज के किस्मो के बारे में जानकारी नही होने के कारण बाजार से किसी भी किस्म का बीज लाकर बुवाई कर लेते है जिससे कि अपेक्षित उपज की प्राप्ति नही हो पाती।
इस समस्या को देखते हुए आज की कड़ी में चने की किस्मो के बारे में किसान भाइयों को बताएंगे जो कि उन्नत किस्म के है,और साथ ही किस्म कितने दिन में तैयार होगी व इन किस्मो में क्या क्या गुण है।
चने की उन्नत किस्में
किस्म का नाम- जे.जी. 16
■अवधि -110-120 दिन
किस्म का नाम -जाकी 9218
विशेष गुण
■ देर से बोने वाले क्षेत्र के लिए अनुशासित की गई है।
किस्म का नाम- जे.जी.के. 1
■अवधि-110-115 दिन
■उपज-15-18 क्विंटल/हेक्टर
विशेष गुण
■उकठा रोग प्रतिरोधी है।
श्री बी आर साहू वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी ने बताया कि विकासखण्ड फिंगेश्वर में विगत 4-5वर्षों से चने के उन्नत बीज, किस्म (जाकी-9218) कृषको को हरित क्रांति विस्तार योजना, बीजग्राम योजना, रा.खा.सु.मि.जैसे शासन द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से प्रदाय किया गया था,जिसके काफी बेहतर परिणाम प्राप्त हुए है। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी रबी (2020-21) में जाकी-9218 का बीज उपलब्ध कराया जा सकता है। इस हेतु किसान अपने नाम का पंजीयन अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के पास या कार्यालय वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी के पास अतिशीघ्र करवा लेंवे।
हरित क्रांति योजनांतर्गत कृषको को बीज वितरण के नियम
■गौठान ग्रामों में न्यूनतम 50.00 हेक्टेयर के क्लस्टर में योजनाओं का लाभ दिया जावेगा।
■एक कृषक को 2 हेक्टेयर से अधिक का लाभ नही दिया जावेगा।
■50.00 हेक्टेयर का रकबा गौठान ग्राम में ना मिलने पर 5 किलोमीटर के अंतर्गत गोल परिधि में अन्य ग्रामो का चयन किया जावेगा।
आवश्यक दस्तावेज
50.00 हेक्टेयर क्लस्टर अंतर्गत आने वाले किसान भाइयों को योजना के लाभ लेने हेतु निम्न दस्तावेजो की आवश्यकता होगी
■ आधार कार्ड की छायाप्रति
■ मोबाइल नम्बर
■बैंक पास बुक की छायाप्रति
■ऋण पुस्तिका की छायाप्रत
हम कृषकों तक तकनीक पहुंचाते हैं
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