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जामुन_फुटु #जामुन_मुशरूम #जामुन_खाखरी #कवक #Fungi #mushroom #जामुन



#जामुन_फुटु #जामुन_मुशरूम #जामुन_खाखरी #कवक #Fungi #mushroom #जामुन 

Common name :-Penny Bun
    Botanical name :- Boletus edulis
      Local name :- jamun mushroom, jamun khakhri

#Scientific_classification
Kingdom:- Fungi
  Division:- Basidiomycota
      Class:-Agaricomycetes
          Order:-Boletales
              Family:-Boletaceae
                 Genus:-Boletus
                     Species:-B. edulis


      जामुन खुखरी एवं जामुन मशरूम के नाम से मशहूर यह खाने योग्य मशरूम सिर्फ जामुन पेड़  ( Syzygium cuminii) के साथ पाया जाता है.यह मानसून के मौसम में लोकप्रिय है, विशेष रूप से हमारे बस्तर के ग्रामीण-जनो के बीच यह प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत एवं ग्रामीणों के बीच बहुत लोकप्रिय व्यंजन के रूप में जाना जाता है..
 
   जामुन मशरूम की टोपी परिपक्वता होने पर लगभग 3-12 इंच चौड़ी होती है, इसे छूने से थोड़ा चिपचिपा जरूर लगता है,जामुन मशरूम young होने पर उत्तल होता है पर जैसे जैसे उम्र होते जाता है यह चपटा होता है, इसका रंग आम तौर पर लाल-भूरे रंग का होता है, जो किनारे के पास के क्षेत्रो में सफ़ेद हो जाता है, जामुन मशरूम जैसे जैसे परिपक्व होते जाता है यह काला रंग का होते जाता है!
          इसकी तना ऊचाई में 3-10 इंच और 3 इंच तक मोटा होता है (यह टोपी की तुलना में बड़ा होता है ) यह क्लब के आकार का होता है... जिसमे उभारे पायी जाति है...
       यह ऊपरी हिस्से पर बारीक़ जालीदार होता है, लेकिन निचके हिस्से पर चिकना या अनियमित से लगा होता है, टोपी की निचली सतह पतली नालियों से बनी होती है जो बीजाणु उत्पादन का स्थान है जो 1-2 सेमी. गहरे एवं young होने पर सफ़ेद रंग के हो जाते है..
        जामुन मशरूम पूरी तरह परिपक्व होने पर 1kg तक हो सकता है..
  तोह आये इस मानसून की पहली मशरुम जामुन मशरूम की मजे ले 😍

Pic credit by :- Rajesh Barsa and Golu Sinha 😍

#Ganesh_Nishad
#Medicinal_Plant_of_Bastar
#VANYA #वान्या
#ECO_ACTION_NETWORK
#DANTEWADA

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समसामयिक सलाह:- भारी बारिश के बाद हुई (बैटीरियल लीफ ब्लाइट ) से धान की पत्तियां पीली हो गई । ऐसे करे उपचार नही तो फसल हो जाएगी चौपट छत्त्तीसगढ़ राज्य में विगत दिनों में लगातार तेज हवाओं के साथ काफी वर्षा हुई।जिसके कारण धान के खेतों में धान की पत्तियां फट गई और पत्ती के ऊपरी सिरे पीले हो गए। जो कि बैटीरियल लीफ ब्लाइट नामक रोग के लक्षण है। आज की कड़ी में डॉ गजेंन्द्र चन्द्राकर बताएंगे कि ऐसे लक्षण दिखने पर किस प्रकार इस रोग का प्रबंधन करे। जीवाणु जनित झुलसा रोग (बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट): रोग के लक्षण ■ इस रोग के प्रारम्भिक लक्षण पत्तियों पर रोपाई या बुवाई के 20 से 25 दिन बाद दिखाई देते हैं। सबसे पहले पत्ती का किनारे वाला ऊपरी भाग हल्का पीला सा हो जाता है तथा फिर मटमैला हरापन लिये हुए पीला सा होने लगता है। ■ इसका प्रसार पत्ती की मुख्य नस की ओर तथा निचले हिस्से की ओर तेजी से होने लगता है व पूरी पत्ती मटमैले पीले रंग की होकर पत्रक (शीथ) तक सूख जाती है। ■ रोगग्रसित पौधे कमजोर हो जाते हैं और उनमें कंसे कम निकलते हैं। दाने पूरी तरह नहीं भरते व पैदावार कम हो जाती है। रोग का कारण यह रोग जेन्थोमोनास

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समसामयिक सलाह-" गर्मी व बढ़ती उमस" के साथ बढ़ रहा है धान की फसल में भूरा माहो का प्रकोप,जल्द अपनाए प्रबंधन के ये उपाय

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