रोग नियंत्रण:- गोभी में लग रही है "डाउनी मिल्ड्यू" तो ना होंवे परेशान ऐसे करे इस रोग का प्रबंधन
गोभी की सब्जी खाने में तो काफी लजीज लगती है परंतु सब्जियों में देखा जाए तो सबसे ज्यादा गोभी वर्गीय सब्जियों में कीट व्याधि/रोग व्याधि की समस्या आती है।
कुछ दिनों से कई किसान भाइयों ने गोभी की मृदुरोमिल फफूँदी (डाउनी मिल्ड्यू) नामक रोग के प्रबंधन के बारे में जानकारी मांगी है। इसका अर्थ यह है कि अभी इस रोग का प्रभाव देखने को काफी मिल रहा है। अतः आज की कड़ी में इस रोग के लक्षण व प्रबंधन के बारे में हम बात करेंगे।
मृदुरोमिल फफूँदी (डाउनी मिल्ड्यू)
लक्षण
■तनो पर भूरे धसे हुए धब्बे दिखाई देते हैं जिन पर फफूदी की वृद्धि होती है।
■ पत्तियों की निचली सतह पर बैगनी भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते है जिनमे फफूदी की वृद्धि होती है।
■फूलगोभी के फूल संक्रमित हो कर सड़ने लगते है।
■इस रोग से फसल छोटे से लेकर बीज तैयार होने तक किसी भी समय रोग का प्रकोप प्रभावित हो सकता है.
■प्रभावित पत्तियों का रंग पीला पड़ जाता है तथा अधिक प्रभाव से पौधा मर जाता है.
■फूल लगते समय फूलों पर काले धब्बे के रूप में यह रोग दिखाई देता है.
■पुराने पौधों पर पत्तियों के ऊपरी सतह पर जामुनी गोल रंग के या पीले कसेरू रंग के धब्बे के रूप में दिखाई पड़ते हैं।
■प्रभावित पौधे रोग के कारण मर जाते हैं।
प्रबंधन के उपाय
फसल चक्र
■फसल चक्र अपनाये एवं खेत में साफ़ सफाई करे।
बीज उपचार
■ कार्बोक्सीन 37.5 % + थायरम 37.5 % @ 3 ग्राम/किलो बीज या ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 5 ग्राम/किलो बीज से बीज उपचार करे।
जैविक प्रबंधन
■स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस 400 ग्राम + बेसिलस सबटिलिस 400 मिली प्रति 200 लीटर पानी में प्रति एकड़ लेकर छिड़काव करे।
रसायनिक प्रबंधन
■फसल पर मैन्कोजेब 75 % @ 400 ग्रा/ एकड़ प्रति 200 लीटर पानी में प्रति एकड़ का 10-15 दिन के अन्तराल से छिड़काव करें।
साभार
विजय अंनत
कृषि वैज्ञानिक
कृषि विज्ञान केंद्र, कोरिया
(छत्तीसगढ़)
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