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जैविक खेती:-कामधेनु नियंत्रक का प्रयोग कर किसान भाई अपनी फसल को कीट/रोग से आसानी से बचा सकते है।

 
जैविक खेती:- कामधेनु नियंत्रक का प्रयोग कर किसान भाई अपनी फसल को कीट/रोग से आसानी से बचा सकते है।
 
अधिकांश मानवीय बीमारियों का कारण जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ कृषि में उपयोग हो रहे रसायन भी हैं। इनमें मुख्य रूपसे मानव द्वारा उपयोग की जाने वाली विषाक्त सब्जियां,अनाज एवं फल हैं जिनकी सुरक्षा हेतु अंधाधुंध रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। इन कीटनाशकों के प्रयोग से अत्यधिक प्रयोग से इनके प्रति कीटों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है और कुछ प्रजातियों में तो प्रतिरोधक क्षमता विकसित भी हो चुकी है।

इसके अलावा रासायनिक कीटनाशक अत्यधिक महगे होने के कारण किसानों को इन पर अत्यधिक खर्च करना पड़ता है। कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से फसलों, सब्जियों व फलों की गुणवत्ता पर भी विपरीत असर पड़ता है। इन वस्तुस्थिति के फलस्वरूप वैज्ञानिकों का ध्यान प्राकतिक एवं जैविक कीटनाशकों एवं रोगनाशकों की ओर गया है जो न केवल सस्ते हैं बल्कि जिनके उपयोग से तैयार होने वाली फसल के किसी प्रकार के रासायनिक दुष्प्रभाव भी नहीं रहते हैं।


आज की कड़ी में ऐसे ही एक जैविक विधि से तैयार उत्पाद के बारे में बात करेंगे जो कि किसान भाई अपने घर पर आसानी से बनाकर उपयोग कर सकते है।

काम धेनु नियन्त्रक 

श्रेष्ठ देशी काम धेनु नियन्त्रक तैयार करने की विधि।

किसान देशी गाय को पाले । गोबर गैस टैंक बनाये। टेंक में गाय का गोबर व गो मूत्र घोल कर डाले। पानी टेंक में नहीं डालना हैं।अब टेंक से जो स्लरी बनेगी उसे एकत्रित कर 120 लीटर स्लरी को 200 लीटर खाली ड्रम में डाले।

 इसमे निम्न प्रकार से अतिरिक्त सामग्री मिलावे।

■200 gm सेंधा नमक
■200 gm फिटकिरी
■200 gm गंधक
■200 gm नीला थोथा
■200 gm बुझा चूना
■200 gm सुहागा
■100 gm हींग
■1 kg लहसुन
■500gm हल्दी
■1 kg मिर्च (हरी)
■1 kg बेसन
■10 kg नीम पत्ती
■5 kg धतूरा पत्ती
■5 kg  करन्ज पत्ती
■5 kg गाजर घास
■10 kg दीमक टिल्ले की मिट्टी
■10 kg  अग्निहोत्र भस्म
■10 kg विभिन्न पौधों की पत्तियां (पपीता, आम, बेर बेल, गोधल, महुआ, सोंझरी, अलवीरा, गिलोय, हर्रा, बहेरा, आंवला पत्ता नही होने पर सुखा पाँवडर 200-200 gm उपयोग कर सकता है)

उक्त सभी सामग्रियों को कट पीस करके ड्रम में डाले। इसे 60 दिनों तक रखे। प्रत्येक सप्ताह लकडी के डंडे से घोल को क्लॉक वाइज घुमाए। 60 दिनों बाद इसे छान लें। यह काम धेनु नियन्त्रक तैयार हैं।

काम धेनु नियन्त्रक का उपयोगिता

3 लीटर काम धेनु कीट नियन्त्रक सब्जी के एक एकड़ के खेत के लिये पर्याप्त है। स्प्रे कर सकते हैं।
(10 दिनों में के अन्तराल से स्प्रे कर सकते हैं।)
फसल बागवानी में 5  लीटर काम धेनु कीट नियन्त्रक  के एक एकड़ के खेत के लिये पर्याप्त है, स्प्रे करें।

■काम धेनु नियन्त्रक की गंध से खेत मे बन्दर नही आते।
■काम धेनु नियन्त्रक की गंध से खेत मे गाय बेल नही आते।

श्रेस्ठ देशी अणु खाद
कामधेनु कीट नियन्त्रक को छानने के पश्चात जो गाड़ी दवा बच जाती हैं। उसे अग्निहोत्र की भस्म या देशी गाय के गोबर की राख मिला कर रखे यही अणु खाद हैं। 200 kg अणु खाद एक एकड़ खेत के लिये पर्याप्त है। इसी माप दण्ड से खेत मे प्रति माह डाले। पोधो की जड़ो में कभी कोई बीमारी नहीं लगेगी। यूरिया, पोटाश की आवश्यकता नहीं होगी।

क्या कहते है? किसान

भुवनेश्वर प्रसाद वर्मा जी जो कि  ग्राम -अमेरी तहसील आरंग जिला रायपुर के निवासी है इन्होंने बताया कि दो साल से मै खुद  काम धेनु नियन्त्रक उपयोग कर रहा हूं, पहले वर्ष मे कुछ कीटनाशाक, पेस्टीसाईड, केमिकल्स का उपयोग किया लेकिन दूसरे वर्ष यानि अभी बीता खरीफ फसल मे किसी तरह के कीट, रोग का प्रकोप नही हुआ जबकि मेरे गांव किसान आठ-दस बार दवाईओं का उपयोग किया। मेरे द्वारा थोड़ा सा भी बाजार से कीटनाशाक, पेस्टीसाईड, केमिकल्स नही लिया, जबकि यूरिया, डीएपी, सिंगल सुपर फास्फेट डालना  40 प्रतिशत कम कर दिया। ये दवाई मै बनाकर किसान को भी बेचता हूं।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे।

Bhuneshwar Prasad Verma Village-Ameri tahsil-arang Thana-Mandir Hasoud district-Raipur, Chhattisgarh
+91 96178 51932

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