CVR soil टेक्नीक - मिट्टी से फसल में कीट और पौषण प्रबंधन
यह बात सुनने में कोई भरोसा नहीं करेगा कि अपने ही खेत की मिट्टी को पानी में मिलाकर छिड़काव करने से हम अपनी फसल में कीट नियंत्रण और पौषण प्रबंधन दोनों कर सकते हैं! है न कमाल की बात!!
और यह बात सिद्ध की है CVR soil टेक्नीक ने!
CVR soil तकनीक क्या है?
इस तकनीक की खोज हैदराबाद के श्री चिंतला वेंकट रेड्डी ने की है। CVR का फुल फार्म "चिंतला वेंकट रेड्डी" है। डाॅ. रेड्डी को कृषि संबंधित अपनी खोज के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है।
CVR soil तकनीक में दो तरह की मिट्टी का प्रयोग किया जाता है। पहली है जमीन की उपरी सतह की तीन ईंच गहराई तक की मिट्टी जिसे top soil कहा है और दूसरी है जमीन की उपरी सतह से तीन फिट से नीचे की मिट्टी जिसे sub soil कहा है। इन दोनों तरह की मिट्टीयों को पानी में घोलकर फसल पर छिड़काव किया जाता है।
पहले खेत की उपरी सतह से तीन इंच की मिट्टी top soil 15 किलो एक तगारी में इकठ्ठा करते हैं। फिर तीन फिट गहरा गड्ढा खोदकर तीन फिट से नीचे की मिट्टी sub soil 15 किलो दूसरी तगारी में निकलते हैं।
फिर इन दोनों तरह की मिट्टियों को आपस में मिलाकर इसमें आधा लीटर अरंडी का तेल अच्छी तरह से मिला देते हैं। अरंडी की जगह नीम, सरसों, या करंज का तेल भी ले सकते हैं। इसमें गौमूत्र और छाछ भी मिलाई जा सकती है।
एक ड्रम में 200 लीटर पानी लेते हैं और तेल से उपचारित sub soil और top soil के 30 किलो मिश्रण को पानी में घोलकर डंडे से हिलाते हैं । और पांच से दस मिनट के बाद छानकर सीधे फसल पर छिड़काव करते हैं।
इस तकनीक में महत्वपूर्ण बात यह है कि फसल में पौषण के लिए top soil और sub soil यानि जमीन के उपर की ओर तीन फिट नीचे की दोनों 15 - 15 किलो अर्थात 30 किलो मिट्टी का उपयोग करते हैं और केवल कीट नियंत्रण के सिर्फ तीन फिट नीचे की 30 किलो मिट्टी sub soil का ही उपयोग करते हैं। इसमें हम अपने खेत की या फिर जंगल या तालाब की मिट्टी का उपयोग भी कर सकते हैं
इस टेक्नीक से फसल में कीट नहीं लगती है और फसल को शूक्ष्म पौषक तत्वों की आपूर्ति भी होती रहती है।
साभार
दिलीपसिंह पवांर
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