🌽 मक्का में फाल आर्मी कीट 🐛 का प्रबंधन!
👷♂ किसान भाइयों, मक्का की फसल में सैनिक कीट 🐛 के प्रकोप से फसल को भारी क्षति होती है। छोटी इल्लियां 🐛 गोभ के पत्तों को खाती हैं और बड़ी हो कर दूसरे पत्तों को भी छलनी कर देती हैं। इस के प्रकोप से खेतों में इस का मल पत्तों पर आमतौर पर देखा जाता है। पत्तियों के अलावा यह मक्का के भुट्टे 🌽 को भी नुकसान पहुंचाती हैं। यह कीट अकेले या झुंड में भी आक्रमण करता है।
💥 इस कीट की प्रवृति बड़ी तेजी से खाने की होती है और काफी कम समय में पूरे खेत की फसल को खा कर प्रभावित कर सकता है। अतः इस कीट का प्रबंधन / नियंत्रण आवश्यक है।
जैविक विधि:
1.अंडों व इल्लियों को एकत्रित कर नष्ट कर दे।
2.कीट प्रकोप ज्ञात होते ही प्रभावित पौधों की Whorl में सूखी रेत का प्रयोग करना चाहिए
3. नर शलभ को पकड़ने के लिए फेरोमैन ट्रैप 15 नग प्रति हेक्टेयर का उपयोग करना चाहिए जैविक विधि से नियंत्रण मित्र कीटों के संरक्षण एवं बढ़ावा देने व के लिए अंतर्वर्ती फसल लगाकर पौध विविधता को बढ़ावे। दलहनी तथा पुष्प वाले पौधे का उपयोग किया जाना उपयुक्त रहेगा दूसरा Traichograma previous & Telecom is remus का 50,000 प्रति एकड़ की संख्या में उपयोग करना चाहिए।
👉🏻 आर्मी वर्म (सैनिक कीट) एक साथ समूह में फसल पर आक्रमण करता हैं एवं मूलतः रात में फसलों की पत्तियों या अन्य हरे भाग को किनारे से काटता है, तथा दिन में यह खेत में स्थित दरार या ढेला के नीचे या घने फसल के छाये में छिपा रहता है।
👉🏻 जिन क्षेत्रों में सैनिक कीट की संख्या अधिक है उन क्षेत्रों में निम्नांकित किसी एक कीटनाशी का छिड़काव तत्काल किया जाय।
💥 इसके नियंत्रण के लिए नीम तेल 1500 पीपीएम @ 1 लीटर प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।
⭕ बेसिलस थुरिंगिसस @ 400 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।
रासायनिक नियंत्रण के लिए
चमन बहार टेक्निक
डॉ चंद्राकर ने बताया कि गरियाबंद जिला के देवभोग ब्लॉक के किसान Chlorpyrifos 50 + Cypermethrin 5% EC का 100 मिली लीटर को 1 किलो बारीक रेत में मिक्स कर पुरानी पानी की बोतल में भर लेते है। ढक्कन में चार पांच छेद ऐसे करते है जिससे रेत धीरे धीरे गिरे,फिर उसे मजदूरों की सहायता से मक्के के प्रभावित शीर्ष तने में 10 से 20 ग्राम के आसपास रेत को गिराते है,इससे एक तो इल्ली का mandible रेत में काम नही करता दूसरी तरफ कीटनाशक के प्रभाव से मादा कीट अंडे देने हेतु नही बैठ पाती। यह काफी कारगर उपाय है।
चूंकि गांव में पान बनाने के समय चमन बहार को इसी तरीके से छिड़का जाता है इसीलिए इसे "चमन बहार टेक्निक" कहते है।
👉क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% एससी @ मिली प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।
👉🏻 जिन क्षेत्रों में इसकी संख्या कम हो उन क्षेत्रों में कृषक बन्धु अपने- अपने खेत के मेड़ पर एवं खेत के बीच में जगह- जगह पुआल का छोटा- छोटा ढेर लगा कर रखें। धूप में आर्मीवर्म (सैनिक कीट) छाया की खोज में इन पुआल के ढेर में छिप जाता है। शाम को इन पुआल को इक्कठा करते हुए जला देना चाहिए।
👉🏻 जगह- जगह अग्रेजी के टी (T) आकार का बर्ड पर्चर लगाना चाहिए, ताकि पक्षी इस पर बैठकर इसके इल्लियों को खा सके।
3-4 सप्ताह की अवस्था तक
5% क्षति एक बाली की अवस्था में 10% क्षति में यह विधि उपयोगी है Entomopathogenic fungi एवं बैक्टीरिया का उपयोग करना चाहिए जो कि निम्नानुसार है।
1. Metarhizium anisopliae talc formulation (1x10 cut/g) का 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर बुवाई के 15 से 25 दिन बाद उपयोग करना चाहिए 10 दिन के अंतराल पर दूसरी बार छिड़काव किया जा सकता है या Metarhizium releyi rice grain 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर बुवाई के 15 से 25 दिन बाद उपयोग करना चाहिए बेसिलस सुरेन जी ने सिस का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने प्रति एकड़ छिड़काव हेतु 400 ग्राम की मात्रा पर्याप्त होती है रासायनिक विधि से NSKEके 5% गोल या एचडी Azadiractin के 1500 पी पीएम का 5 ml प्रति लीटर पानी की दर से उपयोग करना चाहिए।
5 से 7 सप्ताह तक
10 से 20% क्षति स्तर तक कीट के 2 nd व 3rd लार्वा के नियंत्रण हेतु निम्नलिखित दवाइयों का उपयोग उपयुक्त होगा
1 Ematin Benzoate@0.4gm/liter water
2.Spinosad@0.3 ml/liter water or
3Thiamethoxam 12.6℅lamda Cylothrin 9.5℅@ 0.5 ml/liter water
4.Chlorantraniliprole 18.5 % SC @ 0.4 gl/liter of water
5.Emamectin Benzoate 1.5% + fipronil 3.5%SC 20 ml प्रति पंप या 500 ml प्रति हेक्टेयर
6.Thiamethoxam12.6%SC + Lamdacyhalothrin 9.5% SC
6-8 ml प्रति पंप या 150 से 200 ml प्रति हेक्टेयर
👉🏻 छिड़काव कार्य प्रातः काल या संध्या समय करना चाहिए। खेत के चारो ओर पहले छिड़काव करते हुए पूरे खेत में छिड़काव करना चाहिए।
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