#पिप्पली या मघ ..
Pippali (Piplamool)
Long pepper
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
आयुर्वेद में इसका बहुत प्रयोग होता है जिसके चलते मघ की कीमत 600₹ किलोग्राम तक है. अमूमन एक वर्ष की बेल में 200 ग्राम मघ कम से कम लग जाती है और बेल की उम्र के साथ अधिक होती रहती है।
पाइपरेसी परिवार का पुष्पीय पौधा है। इसकी खेती इसके फल के लिये की जाती है। इस फल को सुखाकर मसाले, छौंक एवं औषधीय गुणों के लिये आयुर्वेद में प्रयोग किया जाता है। इसका स्वाद अपने परिवार के ही एक सदस्य काली मिर्च जैसा ही किन्तु उससे अधिक तीखा होता है। इस परिवार के अन्य सदस्यों में दक्षिणी या सफ़ेद मिर्च, गोल मिर्च एवं ग्रीन पैपर भी हैं। इनके लिये अंग्रेज़ी शब्द पैपर इनके संस्कृत एवं तमिल/मलयाली नाम पिप्पली से ही लिया गया है।
यह एक आयुर्वेदिक औषधी है जो कि अपने विशेष गुणों के कारण विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए पारंपरिक दवाओं में उपयोग की जाती है। पीपली का उपयोग मधुमेह के फायदेमंद होता है, क्योंकि यह रक्त में चीनी (Blood sugar) के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है। इसके साथ ही यह मोटापा, जिगर की समस्याओं, जीवाणु संक्रमण, यौन स्वास्थ्य (Sexual health), महिलाओं की समस्याएं आदि को दूर करने में बहुत ही फायदेमंद होती है।
मघ को महँगी आयुर्वेदिक दवाई और मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है साथ ही इसका पौधा गमले में भी बेहद सुन्दर लगता है
यदि आपके पास भी इससे जुड़ी कोई जानकारी हो तो अवश्य साझा करें।
Comments