उद्यानिकी- खीरा में एन्थ्रेक्नोज रोग का प्रबंधन
डॉ गजेंन्द्र चन्द्राकर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर
खीरे की एक उच्च गुणवत्ता की फसल बढ़ने के लिए -काम आसान नहीं है! वनस्पति के लिए इष्टतम रखरखाव प्रदान करने के अलावा, उन रोगों की घटना को रोकने के लिए आवश्यक है जो एक ही क्षण में अपेक्षित उपज को नष्ट कर सकते हैं।
आज कड़ी में हम खीरे में लगने वाले रोग एंथ्रेक्नोज के बारे में बात करेंगे।
गर्म एवं उच्च आर्द्रता एन्थ्रेक्नोज के लिए अनुकूल होती हैं | एन्थ्रेक्नोज आमतौर पर फसल की मध्य अवस्था में आता हैं यदि स्थिति अनुकूल हो तो रोग अधिक नुकसान कर सकता हैं|
प्रबंधन के उपाय
👉 बीमारी आने से पूर्व बचाव हेतु:- नीम का तेल 1000 पीपीएम @ 600 मिली प्रति 200 लीटर पानी प्रति एकड़ का छिड़काव दो बार करे ।
🛑 जैविक नियंत्रण :-
स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस 200 ग्राम + बेसिलस सबटिलिस 200 मिली प्रति एकड़ प्रति 200 लीटर पानी में लेकर छिड़काव करे।
🛑 रसायनिक नियंत्रण :-
Name : Chlorothalonil 75% WP
Dose : 25-30 gm/pump
Name : Copper Oxychloride 50% WDG
Dose : 400 gm/acre
Name : Difenconazole 25% EC
Dose : 10 ml/pump
साभार
डॉ गजेंन्द्र चन्द्राकर
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय
रायपुर छत्तीसगढ़
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