* कीट नियंत्रण:-धनिये को माहू कीट से ऐसे बचाएं *
दिन में गर्मी और रात में मौसम ठंडा होने से धनिया की फसल में माहू कीट ने हमला बोल दिया है। कृषि वैज्ञानिक का मानना है कि समय रहते बचाव नहीं किया गया तो फसल नष्ट हो सकती है।
माहू धनिये की सभी फसल अवस्थाओं मे नुक्सान पहुँचाता है| इसके वयस्क एवं निम्फ दोनों ही यह पत्ती से रस को चूसते है जिस कारण पत्तियाँ मुड़ने लगती है| पौधा कमज़ोर हो जाता हैं पत्तियों की गुणवत्ता कम हो जाती हैं|
प्रबंधन के उपाय:-
■फसल चक्र अपनाएँ|
■अनुशंसित मात्रा में उर्वरकों का उपयोग करें।
■जो पौधे ज्यादा प्रभावित हो उन्हें उखाड़ के नष्ट कर दे|
■प्रति एकड़ 10 नीले एवं पीले चिपचिपे प्रपंच स्थापित करें
■आने से पूर्व बचाव हेतु :- नीम का तेल 1000 पीपीएम @ 600 मिली प्रति 200 लीटर पानी प्रति एकड़ का छिड़काव दो बार करे ।
जैविक नियंत्रण :-
बेवेरिया बासियाना @ 1 किलो + मेट्रिहिज़ियम ऐनिसोपला 400 ग्राम प्रति 200 लीटर पानी प्रति एकड़ में मिलाकर छिड़काव करें।
रासायनिक नियंत्रण:-
निम्न में से किसी एक कीटनाशक का स्प्रे करें।
इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. @ 100 मिली/एकड़ या थायोमिथोक्सोम 25 डब्लूजी @ 75 ग्राम/ एकड़ या डाईमिथोएट 30% ई.सी. 300 मिली 200 लीटर पानी प्रति एकड़ में मिलाकर छिड़काव करें।
छिड़काव शाम के समय ही करें|
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