जैव रसायन (एन्जाईम)
किसी जीव या वनस्पति के निर्माण या विघटन करने वाली प्रक्रिया को सक्रीय या उत्प्रेरित करने वाले प्रोटीन को एन्जाईम कहाँ जाता है। पौधों के क्राँतिक अवस्था ( अंकुरण, प्रस्फुटन, पुष्पन, फलन ) में एन्जाईम महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
एन्जाईम निर्माण के घटक और अनुपात निम्न हैं:
गुड़ : खाद्य फल सब्जी :पानी
01: 03 : 10
■खाद्य सामग्रियों में माँस, दूध, कटहल, लहसुन, प्याज, आलू, अदरक, मिर्च,धनियाँ एवं तिलहन जीन्सों को छोड़कर बाकी सब खाद्य सामग्री (फल, सब्जियाँ) का एन्जाईम बनाया जा सकता है।
■इन खाद्य सामग्रियों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर उक्त अनुपात में घोल बनाकर किसी एअर टाईट (प्लास्टिक या काँच) के पात्र में बंद कर दें ।
■ 15-20 दिन के अंतराल में ढक्कन हटाकर गैस को निकाल दें और घोल को डंडे की सहायता से मिश्रित करते रहें।
■3 माह में जैव रसायन बनकर तैयार हो जायेगा तत्पश्चात छानकर किसी पात्र में भरकर छाँव में रख दें। इसे 3 वर्षों तक उपयोग किया जा सकता है।
नोट:-घोल में इल्लियाँ आ जाये या पनप जाये तो गुड़ की कुछ मात्रा और डाल दें।
फसलों की 3 मुख्य अवस्थाओं में स्प्रे करने के लिये निम्न 3 तरह के एन्जाईम बनायें :-
1. कटु जैव रसायन:-
करेला,नीम या अन्य कड़वे फलों से बनाये।
2. खट्टा जैव रसायन:-
नीबू, इमली,ऑबला,कच्चे आम,संतरा,किन्नू,कैथा आदि फलों से बनायें।
3. मीठा जैव रसायन:-
अनार, पपीता,केला ,पका संतरा,मुंसबी,सब्जियों आदि से बनायें।
उपयोग:-
■ 15 एम.एल.प्रति लीटर पानी की दर से (200 लीटर पानी में 3.00 लीटर जैव रसायन) मिलाकर फसलों पर स्प्रे करें।
■ फसल की प्रारंभिक ब्रान्चिंग अवस्था में कटु जैव रसायन फूल के पहले खट्टा जैव रसायन एवं फूल के बाद मीठा जैव रसायन का 3.00लीटर प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करें।
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