काली मूसली का परिचय (Introduction of Kali Musli) आयुर्वेद में मूसली का यौन शक्ति और शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए कई वर्षो से औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है। आयुर्वेद के शास्त्रों में मूसली दो प्रकार की बतायी गयी है एक सफेद मूसली और दूसरी काली मूसली। दोनों तरह की मूसली औषधि के रूप में बहुत से रोगों में प्रयोग की जाती है। काली मूसली का प्रयोग मूल रुप से यौन शक्ति बढ़ाने और शरीर की मांसपेशियों की दुर्बलता को दूर करने में किया जाता है साथ ही यह मूत्र या यूरिन सम्बन्धी रोगो के उपचार में भी बहुत ही फायदेमंद साबित होती है। काली मूसली क्या है? (What is Kali Musli in Hindi?) काली मूसली एक बहुवर्षायु कोमल क्षुप होती है जिसकी जड़ फाइबर युक्त मांसल (ठोस) होती है। काली मूसली स्वाद में हल्का मीठापन और कड़वापन लिए हुए होती है लेकिन इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से ही इसको लेनी चाहिए। काली मूसली के पत्ते ताड़ (ताल) के पत्तों की तरह होते हैं। पीले रंग के फूलों के कारण इसको स्वर्ण पुष्पी या हिरण्या पुष्पी भी कहते हैं। इसकी जड़ें बाहर से मोटी एवं काले-भूरे रंग
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