बीज उपचार बीज उपचार एक प्रक्रिया या विधि है, जिसमें पौधों को बीमारियों और कीटों से मुक्त रखने के लिए रसायन, जैव रसायन या ताप से उपचारित किया जाता हैं| पोषक तत्व स्थिरीकरण हेतु जीवाणु कलचर से भी बीज उपचार किया जाता है| शत प्रतिशत अंकुरण ,स्वस्थ पौध , जड़ो की मजबूती एवं बढ़वार तथा बीमारी एवं कीड़ो से सुरक्षा हेतु बीजोपचार आवश्यक है। डॉ. गजेंद्र चन्द्राकर (कृषि वैज्ञानिक) इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के अनुसार धान के बीजो को बुवाई से पहले 17%नमक के घोल में उपचारित कर लेवे।धान की बीज उपचार हेतु नमक की 17% घोल से उपचार करे। बीज उपचार हेतु घोल बनाने का तरीका ■किसी बडे बरतन पर पानी और आलू डाल दे उसमें नमक डालते रहे। ■ जब आलू तैरने लग जाए तो समझो घोल तैयार हो गया। ■उसमें धान के बीज डूबा दे। ■ बदरा उपर तैयार रहता है पुष्ट निचे बैठते जाता है ■बदरा को अलग कर बीज निकाल कर अच्छे से धुलाई कर छाया मे सूखा कर प्रयोग करे। ROOT RISE 5 ग्राम + Trichoderma 5ग्राम + Pseudomonas 5 ग्राम प्रति किलो बीज या ROOT RISE 5 ग्राम +2 ग्राम carbendazim प्र...
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