जैविक खेती- गुड़ और अदरक से बनाये फफूंदरोधी रसायन
⭕जहरीली होती आवोहवा..., प्रतिदिन तरह-तरह की सामने आ रहीं बीमारियां और इन बीमारियों से जूझते लोगों की समस्या डॉक्टरों के लिए भी चिंता का विषय बन गई है। हैरानी की बात तो यह है कि अधिकांश बीमारियां असंतुलित खानपान के चलते हो रही हैं। जिसमें डॉक्टरों ने यह पाया है कि रासायनिक खाद से तैयार किया गया अनाज, फल व सब्जियां मानव जीवन के लिए घातक हैं। ऐसे में अब लोगों के पास जैविक उत्पाद ही सुरक्षा कवच का काम करेगा।
इसके लिए अधिकांश किसान अब जैविक कृषि की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
🔰 हमारी 🌱 फसलों को विभिन्न प्रकार के फफूंदी जनित रोग हमारी फसलों को प्रभावित करते हैं। जैसे फसलों की पत्तियों, तनों, शाखाओं, कंदों और फलों को सड़ा कर नष्ट कर देते हैं।
⭕ ऐसी समस्याएं हमारी फसलों में न आएं उसके लिए आज हम आपको बताने जा रहे है कि फफूंदी नाशक रसायन घर पर कैसे तैयार करें और इसका इस्तेमाल कैसे करें।
🔰 आवश्यक सामग्री
🔹 1 किलोग्राम गुड़
🔸 1 किलोग्राम अदरक
🔹 एअर टाईट प्लास्टिक या काँच के पात्र।
✅ बनाने की आसान विधि
👉 1 किलो अदरक को कुचल कर 1 किलो गुड़ में अच्छी तरह से मिलाकर किसी एअर टाईट प्लास्टिक या काँच के पात्र में बंद कर रख दें।
⭕ 10 दिनों में यह मिश्रण तरल हो जायेगा। यह तरल फफूंदरोधी रसायन बन गया है।
🌱 इस रसायन को 1 वर्ष तक उपयोग में लाया जा सकता है।
🔰 उपयोग:-
🔹 पत्तियों में पत्ति धब्बा, पत्तियों का सूखना, ब्लास्ट, झुलसा, रस्ट, फाल्स स्मट आदि बीमारियाँ दिखने पर 100 लीटर पानी 200 एम.एल.रसायन मिलाकर पत्तियों पर छिड़काव करें।
🔸 पौधों की जड़ों में रेड रॉड (लाल सड़न), जड़ गलन, उकटा आदि बीमारियों में 5 प्रतिशत की दर से जड़ों में ड्रेन्चिग करें।
🔹 बीजों को फफूंद से बचाने के लिये बीजों पर छिड़काव कर बीज उपचार करें।
साभार
भारत एग्री
Comments
Wow kya post likha hai aapne bahut acha lga aapka ye post
Informative post javik khad kese banaye khad ki puri jankari paaye