गुच्छी मशरूम: दुनिया का सबसे महंगे मशरूम की खासियत आपको भी जाननी चाहिए!तीस हजार प्रति किलोग्राम है कीमत!
गुच्छी मशरूम: दुनिया का सबसे महंगे मशरूम की खासियत आपको भी जाननी चाहिए!तीस हजार प्रति किलोग्राम है कीमत!
#आवाज_एक_पहल
हिमालय के पहाड़ी और जंगली इलाकों में जब आसमानी बिजली गिरता है तो उसी समय कुदरत की कोख से एक दिव्य औषधीय मशरूम की जन्म होता है जिसे हम गुच्छी के नाम से जानते हैं।इसके उगने का समय सितम्बर से दिसम्बर तक होता है।
हिमालय के तराई में रहने वाले लोगों के लिए यह संजीवनी के समान है। इस सब्जी की खासियत यह है कि यह जिस जगह पर एक जगह पैदा हो जाती है वहां दोबारा से नहीं होती है, जिस वजह से लोगों को इसे खोजने में काफी समय लगता है।
₹30000 से अधिक कीमत में बिकने वाला गुच्छी (Gucchi) जो एक प्रकार का जंगली मशरूम है जिसे पकाने के लिए भी काफी जद्दोजहद करना पड़ती है. हालांकि दिल के रोगों के लिए कारगर मानी जाती है. वहीं कई प्रकार के पौषक तत्व इसमें होते हैं, जिस वजह से यह इतनी महँगी होती है. विटामिन से भरपूर गुच्छी की सब्जी बनाने का भी एक ख़ास तरीका होता है.
सबसे लज़ीज पकवान
गुच्छी की सब्जी काफी लज़ीज़ तरीके से बनती है, जिसमें ड्राय फ्रूट्स, सब्जियों और देशी घी का उपयोग होता है. बेहद दुर्लभ क़िस्म की इस सब्ज़ी की विदेश में अच्छी डिमांड रहती है. अक्सर लोग गुच्छी की सब्जी को लेकर मज़ाक करते हैं कि इस सब्जी को खाने के लिए आपको लोन भी लेना पड़ सकता है. इसके नियमित सेवन से दिल सम्बंधित बीमारियां नहीं होती है. हिमालय के पहाड़ों में वहां स्थानीय निवासी इसे बड़ी मुश्किल से खोजते हैं. जिसके बाद सुखाकर इसे बाजार में लाया जाता है. जो विभिन्न वैरायटी में होती है.
ये है वैज्ञानिक नाम
गुच्छी को हिमालय और जम्मू कश्मीर की पहाड़ियों से वहां के लोग अपनी जान खतरे में डालकर लाते हैं. इसका वैज्ञानिक नाम मार्कुला एस्क्यूपलेंटा है, जो जंगली मशरूम की एक प्रजाति है. जो यहाँ पहाड़ों में खुद ब खुद उग आती है. कई महीनों के मेहनत के बाद इसे जमा कर मार्किट में भेजा जाता है. गुच्छी को बारिश में एकत्रित करने के बाद सुखाया जाता है, फिर सर्दी में इसका उपयोग किया जाता है.
कई तत्व से भरपूर
यह कई तत्वों जैसे विटामिन-बी, विटामिन-डी और विटामिन-सी और के का अच्छा स्त्रोत है. इसकी डिमांड यूरोप, अमेरिका, इटली फ़्रांस और स्विट्जरलैंड में होती है. आपको बता दें कि दुनियाभर में कुल्लू की गुच्छी पसंद है. बड़ी-बड़ी होटलों में गुच्छी की डिमांड रहती है, जो इन्हें हाथों हाथ लेते हैं. सीजन में लोग जंगल में डेरा डालकर इसे एकत्रित करते हैं. कई बड़ी कंपनियां स्थानीय लोगों से इसे 10 से 15 हजार रुपये किलो में लेती है, जिसे 25 से 30 हजार रुपये किलो बेचा जाता है.
©लवकुश
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