#जुनिपर बेरी
#हाउ बेर
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कृषक कनेक्शन
इसका वानस्पतिक नाम जूनिपेरस कम्यूनिस है यह सप्रेसेस्सी परिवार का सदस्य है इसकी फलियां काफी उपयोगी होती है।
इन्हें निम्नाकिंत नामो से भी जाना जाता है।
#भारतीय नाम
हिन्दी : अरार संस्कृत : हापुषा
विदेशी नाम
Arabic : Arar Chinese : Du song Czech : Jalovec French : Genevrier German :
Wacholder Italian : Ginepro Spanish : Enebro/Junipero Dutch : Jeneverbes
#विवरण
जूनिपर एक सदाहरित झाडी है जो कभी-कभी छाल से आच्छाादित ऊर्ध्व तना एवं फैली शाखाओं सहित तीन मीटर तक की ऊचाई तक बढनेवाला छोटे वृक्ष के रूप में पाया जाता है। तनों का व्यास 25-30 से.मी. होता है। पत्ते सीधे और कडे, अण्डाकार, करीब 6-13 मि.मी. लंबे और कंटीली नोकवाले होते हैं। यह एकलिंगाश्रयी पौधा है।
अप्रैल एवं मई में पुंजातीय और स्त्रीजातीय फूल सामान्यत: अलग अलग पौधों में खिलते हैं। पुंजातीय फूल छोटी मंजरियों में और स्त्रीजातीय फूल लघु शंक आकार में। मांसल फलियाँ जैसे इसके फल पकने पर नीलाभ, गहरे बैंगनी रंग के मोमी फलभित्तियों से आच्छादित 10-13 मि.मी. व्यास वाले होते हैं। तीन परतोंवाला फल कभी कभी फटकर हडीले बीजों जो प्राय: तीन, दीर्घरूपी, अण्डाभ एवं गूदे से घेरे हुए प्रकट करते हैं।
#व्युत्पत्ति और प्रसारण
यह पौधा यूरोप एवं एशिया तथा उत्तर अमरीका के कई भागों में जंगली तौर पर बढता है। भारत में, एम एस एल से 1500-4000 मीटर की ऊँचाई पर हिमालय में पाया जाता है। यह गरम, धूपवाली जगहों में, खासकर पहाडों की तराइयों में पनपते हैं।
#उपयोग
इसके फल खाद्य को सुगंधित करने तथा खाद्य के रूप में काम में लाए जाते हैं। यूरोप में ऐल्कहोलिक पेयों की तैयारी में इसका प्रयोग होता है। जूनिपर तेल मद्य को सुगंधित करने के लिए काम आता है। फल एवं बाष्पशील तेल वातहर, उत्तेजक एवं मूत्रर्व'क गुणों से युक्त है।
यदि इससे जुड़ी जानकारी आपके पास हो तो मुझसे अवश्य साझा करें।
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