धान के बीजो को बुवाई से पहले 17%नमक के घोल में उपचारित कर लेवे।धान की बीज उपचार हेतु नमक की 17% घोल से उपचार करे।
बीज उपचार हेतु 17% नमक का घोल बनाने का तरीका
■किसी बडे बरतन पर पानी और आलू/अंडा डाल दे उसमें नमक डालते रहे।
■ जब आलू/अंडा तैरने लग जाए तो समझो घोल तैयार हो गया।
■उसमें धान के बीज डूबा दे।
■ बदरा उपर तैयार रहता है पुष्ट निचे बैठते जाता है
■बदरा को अलग कर बीज निकाल कर अच्छे से धुलाई कर छाया मे सूखा कर प्रयोग करे।
■ROOT RISE 5 ग्राम + Trichoderma 5ग्राम + Pseudomonas 5 ग्राम प्रति किलो बीज
या
■ROOT RISE 5 ग्राम +2 ग्राम carbendazim प्रति किलो बीज की दर से उपचार करे।
5 ml जीवाणु तरल ( consortia of bacteria AGN ) से बीजोपचार
■17%नमक के घोल के उपयोग से स्वस्थ बीजो के चुनाव के बाद 5.00 मिली लीटर (AGN) को 50.00 मिली लीटर पानी मे घोलकर 1 किलोग्राम धान बीज को उपचारित करे।
इस विधि को नौतपा के धूप 45 डिग्री तापमान पर करने से घरेलू धान बीज में उपस्थित फंगस और जीवाणु जनित बैक्टीरिया भी नष्ट हो जाता है।
रसायनिक विधि
धान की नर्सरी को बीज एवं मृदा जनित रोगों से बचाने के लिए फफूंद नाशक दवा कार्बेन्डाजिम 2.5 ग्राम/किग्रा बीज या कार्बेन्डाजिम + मैन्कोजेब 3 ग्राम प्रति किग्रा बीज या कार्बोक्सिऩ + थायरम 3 ग्राम प्रति किग्रा बीज से उपचारित कर बुवाई करना चाहिए।
शत प्रतिशत अंकुरण ,स्वस्थ पौध , जड़ो की मजबूती एवं बढ़वार तथा बीमारी एवं कीड़ो से सुरक्षा हेतु बीजोपचार आवश्यक है।
संकलन कर्ता
हरिशंकर सुमेर
उपलब्धता
अपने ब्लॉक या जिला केंद्र के प्रमुख कृषि दवा दुकानों से सम्पर्क कर सकते है।
Comments
धुप मे क्यों नहीं सुखा सकते सर ये सवाल वाट्सएप पर भी किया था जवाब नहीं मिला
धुप मे सुखाने से क्या हानि हो सकता है
कहां मिलेगा ओरिजनल