क्या आप जानती हैं पौधों के लिए भी लाभकारी है हल्दी ???
वैसे तो हल्दी का इस्तेमाल कई तरह की आयुर्वेदिक औषधियों के रूप में या फिर किचन के मसालों के रूप में होता है। लेकिन जब हम अपने किचन गार्डन की बात करते हैं तब भी हल्दी बहुत ज्यादा उपयोगी साबित होती है। आइए जानें किस तरह से हल्दी हमारे पौधों के लिए लाभकारी है।
पौधों की ग्रोथ के लिए
आमतौर पर हल्दी का इस्तेमाल मसालों के रूप में किया जाता है लेकिन हमारे पौधों की ग्रोथके लिए भी हल्दी बहुत ज्यादा लाभदायक है। यदि आपके पौधों की मिट्टी सूख रही है तो पौधों की मिट्टी में हल्दी का पाउडर मिला देने से मिट्टी उपजाऊ होने लगती है। इससे पौधे बहुत तेजी से बढ़ने लगते हैं। खासतौर पर मनीप्लांट का पौधा बहुत तेजी से बढ़ता है। इसके अलावा कुछ सब्जियों के पौधे जैसे भिंडी और बैगन के पौधे की मिट्टी में भी हल्दी का पाउडर मिला देने से ये बहुत तेजी से बढ़ने लगते हैं।
कीटनाशक की तरह
हल्दी, पौधों के लिए एक कीटनाशक की तरह भी काम करती है। अगर आपके पौधों में या फिर आपके पौधे की मिट्टी में कीड़े लग गए हों तब हल्दी का पाउडर मिट्टी में मिला देने से यह कीटनाशक की तरह काम करता है और इसके सारे कीड़े नष्ट हो जाते हैं। यदि आप 10 किलो मिट्टी ले रही हैं तो उसमें 20 ग्राम हल्दी मिलाएं। फिर उस मिट्टी को सारे पौधों में मिला लें। हल्दी पानी का छिड़काव भी कीटनाशक की तरह काम करता है।
पत्तों में लाए ताजगी
कई बार पौधों के पत्ते बेवजह सूखने लगते हैं ऐसी अवस्था में यदि हम उन पत्तों में हल्दी के पानी का छिड़काव करेंगे तो सूखे पत्ते भी फिर से हरे भरे हो जाते हैं। खासतौर पर गुड़हल के पौधे के पत्ते और चमेली के पौधे के पत्ते हल्दी के पानी से जल्दी ही बढ़ने लगते हैं।
फफूंदी से बचाव
अगर आपके पौधे ख़स्ता फफूंदी से पीड़ित हैं, तो हल्दी उनकी मदद करेगी। इसके लिए एक भाग हल्दी और दो भाग लकड़ी की राख मिलाएं। इस पाउडर को संक्रमित पौधों पर छिड़कें या मिट्टी में मिला दें। इसे आप जितनी सुबह छिड़काव करेंगी उतना ज्यादा पौधों को लाभ होगा। क्योकि सुबह पौधों में ओस होती है इसलिए सुबह जल्दी ही सूरज निकलने से पहले इसे पौधों में छिड़कने की सलाह दी जाती है।
अपने लॉन और बगीचे की मिट्टी में कीड़े और बीमारी को नियंत्रित करने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी उत्पाद की खोज करते समय आप हल्दी को सबसे श्रेष्ट रूप में पाएंगी। यह एक शक्तिशाली कार्बनिक समाधान है जो वर्तमान में बायोम के प्रकार और बढ़ती फसलों के लिए भूमि की उपयुक्तता को निर्धारित करने में मदद करता है। हमारी फसलों का स्वास्थ्य अन्य चीजों के अलावा नमी और मिट्टी के पोषक तत्वों की पर्याप्त आपूर्ति पर निर्भर करता है। नमी की उपलब्धता कम होने के कारण पौधों की सामान्य क्रिया और वृद्धि बाधित होती है और फसल की पैदावार कम हो जाती है। इसलिए इन सभी समस्याओं से पौधों को निजात दिलाने का काम हल्दी ही करती है।
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