🌽 मक्का में पत्ती झुलसा का नियंत्रण ❗
👨🌾 किसान भाइयों मक्का की फसल में यह एक फफूंदी जनित रोग है। 🌽 फफूंदी युवा अवस्था में फसल को प्रभावित करता है। प्रारंभिक लक्षण पत्तियों पर अंडाकार, पानी से लथपथ धब्बे होते हैं। घाव अण्डाकार और भूरे रंग के होते हैं, जो अलग-अलग जगहों को संक्रमित करते हैं। 🌽 घाव आमतौर पर पहले निचली पत्तियों पर दिखाई देते हैं, जो फसल के परिपक्व होने पर ऊपरी पत्तियों तक फैल जाते हैं।
😱 गंभीर संक्रमण होने पर पूरी पत्ती झुलस जाती है और पौधे मर जाते हैं। ☘️ पत्तियों पर छोटे-छोटे पीले गोल या अंडाकार धब्बे दिखाई देते हैं। ये धब्बे बड़े हो जाते हैं, अण्डाकार हो जाते हैं और बीच में लाल भूरे रंग के मार्जिन के साथ भूसे के रंग का हो जाता है।
🌽 नियंत्रण के प्रभावी उपाय
🔹 खेत में पड़े पुराने खरपतवार और अवशेषों को नष्ट करना चाहिए।
लगाए प्रतिरोधी किस्म
🔹 प्रतिरोधी किस्में लगाएं जैसे - डेक्कन, वीएल 42, प्रभात, केएच-5901, PRO-324, PRO-339, आईसीआई-701, एफ- 7013, एफ-7012, पीईएमएच 1, पीईएमएच 2, पीईएमएच 3, पारस, सरताज, डेक्कन 109, सीओएच-6 आदि।
रसायनिक नियंत्रण
🔹 मैनकोज़ेब 75% डब्ल्यूपी @ 600 ग्राम 300 लीटर पानी का साथ प्रति एकड़ छिड़काव करें।
🔹 कार्बेन्डाजिम 12%+ मैनकोज़ेब 63% डब्ल्यूपी @ 400 ग्राम 200 लीटर पानी के साथ प्रति एकड़ छिड़काव करें।
जैविक नियंत्रण
🔹 स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस या ट्राइकोडर्मा विरडी @ 2.5 किग्रा / हेक्टेयर 50 किलोग्राम गोबर की खाद के साथ मिलाकर बुवाई से 10 दिन पहले मिलाएं या बुवाई के 30 दिन बाद रेत या मिट्टी में मिलाकर दें।
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