🍆 बैंगन में फल छेदक कीट का नियंत्रण ❗
बैंगन के पौधों में कई तरह के कीटों के प्रकोप का खतरा बना रहता है। इनमें से एक है तना छेदक कीट। इस कीट से बैंगन की फसल को बहुत हानि पहुंचती है।
👨🌾 किसान भाइयों बैंगन की फसल में शीर्ष एवं फल छेदक कीट की सूण्डियां गुलाबी रंग की होती हैं जो लगभग बालरहित होती हैं। नवजात सूण्डियां नई शाखाओं में छिद्र करके प्रवेश कर जाती हैं जिसके कारण शाखाएं मुरझा जाती हैं और पौधों की बढ़वार रुक जाती है।
🍆 जब फल लगते हैं तो सूण्डियां फलों में घुसकर उन्हें हानि पहुंचाती हैं। फलों में छेद सूण्डियों के बारह आने के बाद ही दिखाई पड़ते हैं। इस कीट द्वारा 20-25 प्रतिशत तक नुकसान होता है।😱
अगर आप भी हैं परेशान इन कीटों से तो इस पोस्ट में दिए गए उपायों को अपना कर आप इससे आसानी से निजात पा सकते हैं।
🛡️ नियंत्रण
👉 खेत को साफ सुथरा रखें।
🌱 जिस खेत में बैंगन की फसल पिछले वर्ष ली हो उसमें बैंगन कदापि न लगाएं।
🍆 बैंगन की दो कतारों के बाद एक कतार धनिया या सौंफ की लगाएं।
⭕ अगर आपके क्षेत्र में उपलब्ध हों तो प्रतिरोधी या सहनशील किस्में लगाएं।
☘️ प्रभावित पत्तियां, टहनियां या फलों को तोड़कर खेत से कुछ दूर नष्ट कर देना चाहिए।
🔰 ज़मीन पर से गिरे हुए फल, पत्तियां और टहनियां हटा दें।
👉 पतंगों को आकर्षित करने और बड़ी संख्या में पकड़ने के लिए फेरोमॉन जाल का इस्तेमाल करें।
♻️ रासायनिक नियंत्रण के लिए लैम्ब्डा-साइहलोथ्रिन 04.90% सीएस @ 120 मिली या स्पिनोसैड 45.00% एससी @ 64 मिली या थियाक्लोप्रिड 21.70% एससी @ 300 मिली या साइपरमेथ्रिन 3.0% + क्विनालफोस 20.0% ईसी @ 140 मिली इनमे से किसी एक दवाई को 200 लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें।
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