*🍅इस स्प्रे से होगी टमाटर में रोगों की छुट्टी*
🍅 टमाटर की उपलब्धता भारतीय बाजार में 12 महीने रहती है। 🌦️ आप इसे किसी भी मौसम में खरीद सकते हैं। यही वजह है कि टमाटर भारतीय किसानों की पसंदीदा फसल है। 🐛 लेकिन इसमें लगने वाले रोगों से ज्यादातर किसान परेशान रहते हैं। आज की ▶️ वीडियो में हम जानेंगे टमाटर की फसल से रोगों को कैसे भगाएं। ▶️ वीडियो देखने के लिए ऐप अपडेट करें।
🍅 टमाटर में लगने वाले रोग/कीट-
अभी टमाटर की फसल 30- 60 दिन की अवस्था में हैं। ऐसे में टमाटर में लगने वाले प्रमुख कीट- हरा तेला, सफेद मक्खी, फल छेदक कीट एवं तम्बाकू की इल्ली एवं प्रमुख रोग- अगेती झुलसा और पछेती झुलसा , फल सड़न का प्रकोप होता हैं। इनके नियंत्रण के लिए किसान भाई कई तरह की दवाओं का प्रयोग करते हैं। सात ही बहुत से किसान भाई सही दवा का चयन नहीं कर पाते है।
👉 सभी कीटों के लिए -
थायमेथोक्साम 12.6%+ लैम्ब्डा सायहलोथ्रिन 9.5% यह एक दोहरी प्रणाली वाली कीटनाशक हैं।
ये टमाटर के सभी कीटों को नियंत्रित करता हैं। इसकी 8 मिली मात्रा प्रति पम्प उपयोग करते हैं। साथ में रोग नियंत्रण के लिए क्लोरोथालोनिल 75%, 400 ग्राम प्रति एकड़ जो प्रमुख रोगों का नियंत्रण करता है।
इसके साथ आप समुद्री शैवाल को मिला सकते हैं। इसमें छिड़काव के लिए कम से कम 200 लीटर पानी प्रति एकड़ का उपयोग किया जाता है। वहीं छिड़काव सुबह 10 से पहले या शाम को 4 बजे के बाद करना चाहिए |
🔴स्प्रे के लिए कुछ ध्यान रखने योग्य बातें-
👉स्प्रे पम्प को साफ़ रखें।
👉खरपतवार नाशी के लिए अलग स्प्रे पम्प रखें।
👉हवा की विपरीत दिशा में छिड़काव करें।
👉छिड़काव से पहले भोजन करें।
👉 मुंह एवं चेहरा ढक कर स्प्रे करें।
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