कृषक प्रशिक्षण :-अंचल के कृषकों को जैविक खेती की ओर अग्रसर कर रहे है कृषि विभाग जिला गरियाबंद के अधिकारी/कर्मचारी
कृषक प्रशिक्षण :- अंचल के कृषकों को जैविक खेती की ओर अग्रसर कर रहे है कृषि विभाग जिला गरियाबंद के अधिकारी / कर्मचारी
अधिकांश मानवीय बीमारियों का कारण जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ कृषि में उपयोग हो रहे रसायन भी हैं। इनमें मुख्य रूपसे मानव द्वारा उपयोग की जाने वाली विषाक्त सब्जियां, अनाज एवं फल हैं जिनकी सुरक्षा हेतु अंधाधुंध रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। इन कीटनाशकों के प्रयोग से अत्यधिक प्रयोग से इनके प्रति कीटों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है और कुछ प्रजातियों में तो प्रतिरोधक क्षमता विकसित भी हो चुकी है।
इसके अलावा रासायनिक कीटनाशक अत्यधिक मंहगे होने के कारण किसानों को इन पर अत्यधिक खर्च करना पड़ता है।
कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से फसलों, सब्जियों व फलों की गुणवत्ता पर भी विपरीत असर पड़ता है। इन वस्तुस्थिति के फलस्वरूप वैज्ञानिकों का ध्यान प्राकतिक एवं जैविक कीटनाशकों एवं रोगनाशकों की ओर गया है जो न केवल सस्ते हैं बल्कि जिनके उपयोग से तैयार होने वाली फसल के किसी प्रकार के रासायनिक दुष्प्रभाव भी नहीं रहते हैं।
इसी परिपेक्ष्य मे आज दिनांक 19.09.2024 को ग्राम कामेपुर विकासखंड गरियाबंद में परंपरागत कृषि विकास योजना अंतर्गत कृषक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया ।
उक्त प्रशिक्षण में कृषकों को प्राकृतिक खेती जैविक खेती की बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया साथ ही कीट-व्याधि के नियंत्रण हेतु जैविक नियंत्रण तकनीक जैसे। निमास्त्र, बीजोमृत, जीवामृत की बनाने की एवम उपयोग करने की विधि के बारे विस्तार से जानकारी दिया गया ।
जिसका संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार है।
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