कृषि विभाग की सम्भाग स्तरीय टीम ने किया खाद दुकानों का निरीक्षण
छत्तीसगढ़ में मानसून पहुंचने के साथ ही खेती किसानी के काम में तेजी आ रही है. किसान रसायनिक उर्वरकों को समिति/निजी संस्थाओं से खरीद रहे हैं।
गौरतलब है कि पॉस मशीनों से निजी /सहकारी संस्थाओं में बिक्री करने की व्यवस्था लागू है। छ. ग. शासन कृषि विभाग ने निर्देश दिया है कि जिले के सभी उर्वरक विक्रेताओं के भौतिक स्टॉक और ई-पॉस मशीन में दर्ज बिक्री विवरण की जांच की जाए। इसमें अंतर मिलने पर विक्रेताओं पर कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, मामला ऑनलाइन पोर्टल पर स्टॉक सत्यापन से संबंधित है। विक्रेता कई बार किसानों को उर्वरक वितरण कर देते हैं, लेकिन बिक्री के समय उन्हें ई-पॉस मशीन की रसीद नहीं देते। ऐसे में स्टॉक कम हो जाता है, लेकिन पोर्टल पर रिकार्ड दर्ज नहीं हो पाता। चूंकि केंद्र सरकार ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज रिजर्व और बिक्री स्टॉक के अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराती है। यदि ऑनलाइन विवरण और भौतिक स्टाक में अंतर मिलेगा तो जिले में उर्वरक संकट पैदा हो सकता है। जिससे किसानों को काफी समस्या हो सकती है।
अतः उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक विक्रय हेतु pos मशीन का उपयोग करना अनिवार्य है, जिससे उर्वरक की कालाबजारी पर रोक लगाई जा सके।
इसी बीच आज दिनांक 23-06-2021 को संयुक्त संचालक कृषि सम्भाग रायपुर के निरीक्षण दल ने गरियाबंद जिले के राजिम नगर पंचायत के 1 सहकारी समिति एवं 2 निजी विक्रेताओं का औचक निरीक्षण किया।
निजी दुकानों व सहकारी समिति में पीओएस मशीन के माध्यम से उर्वरक विक्रय की जांच की गई। अनियमितता पाए जाने पर जिले के 3 सहकारी समितियों को उप संचालक कृषि के द्वारा नोटिस भी जारी किया गया है।
निरीक्षण के समय श्री गयाराम संयुक्त संचालक कृषि सम्भाग रायपुर श्री आर.के भारद्वाज,श्री उमेश साहू,एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय से कृषि विकास अधिकारी श्री खिलेश्वर साहू ,श्री श्री के.के.साहू एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री लीलाधर साहू उपस्थित थे।
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