कृषि विभाग:- जानें "राजीव गांधी किसान न्याय योजना" के क्रियान्वयन के लिए दिशा - निर्देश।
फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने कृषि आदान सहायता हेतु "राजीव गांधी किसान न्याय योजना" के क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश।
1. छ.ग. राज्य में लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। राज्य का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमीय प्रतिकूलता एवं कृषि आदान लागत में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती है, फलस्वरुप कृषक फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते है।
कृषि में पर्याप्त निवेश एवं कास्त लागत में राहत देने कृषि आदान सहायता हेतु राज्य शासन द्वारा "राजीव गांधी किसान न्याय योजना" विभागीय पत्र क. 2544 दिनांक 15.05.2020 द्वारा लागू की गई है।
उक्त जारी दिशा-निर्देश को अधिकमित करते हुए खरीफ वर्ष 2021 से राजीव गांधी किसान न्याय योजना के क्रियान्वयन हेतु निम्नानुसार दिशा-निर्देश जारी किया गया है।
योजना का उद्देश्य:
(i) फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करना।
(ii) फसल क्षेत्राच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि ।
(iii) फसल के कास्त लागत की प्रतिपूर्ति कर कृषको के शुद्ध आय में वृद्धि करना।
(iv) कृषको को कृषि में अधिक निवेश हेतु प्रोत्साहन।
(v) कृषि को लाभ के व्यवसाय के रुप में पुर्नस्थापित करते हुए जी.डी.पी. में कृषि क्षेत्र की सहभागिता में वृद्धि।
योजना का कार्यक्षेत्र :
योजना छत्तीसगढ़ प्रदेश के समस्त जिलों में खरीफ 2021 से लागू होगी।
कियान्वयन एजेंसी :
राज्य स्तर पर आयुक्त/संचालक कृषि तथा जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की देख-रेख में उप संचालक कृषि द्वारा योजना क्रियान्वित किया जायेगा।
4.हितग्राही की पात्रता:
(¡) समस्त श्रेणी के भू-स्वामी एवं वन पट्टाधारी कृषक योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे।
(¡¡) संस्थागत भू-धारक कृषक इस योजना अंतर्गत पात्र नहीं होंगे।
(¡¡¡) रेगहा / बटाईदार / lessee कृषक योजना अंतर्गत पात्र नही होंगे।
(iv) संबंधित मौसम में भुंइया पोर्टल में संधारित गिरदावरी के आंकड़े तथा कृषक के आवेदन में अंकित फसल व रकबे, में से जो भी कम हो, उक्त फसल व रकबे को आदान सहायता राशि की गणना हेतु मान्य की जाएगी।
(v) कृषकों को आदान सहायता राशि प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र के साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। अपंजीकृत कृषकों को योजनांतर्गत अनुदान की पात्रता नहीं होगी।
(vi) योजनांतर्गत सम्मिलित फसलों पर ही आदान सहायता देय होगा।
(vii) योजनांतर्गत पात्रता निर्धारण करते समय कृषि भूमि सीलिंग कानून के प्रावधानों का ध्यान रखा जाए।
(viii) आवेदन पत्र में गलत जानकारी देकर सहायता राशि प्राप्त करने वाले कृषकों से भू-राजस्व संहिता के प्रचलित प्रावधान अनुसार राशि की वसूली की जाएगी।
(ix) पंजीकृत कृषक की मृत्यु हो जाने पर तहसीलदार के द्वारा परिवार के नामांकित व्यक्ति के नाम से आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
5. आदान सहायता राशि:
■ योजनांतर्गत खरीफ 2021 से धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो-कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकां को प्रति वर्ष राशि रु. 9,000 प्रति एकड़ आदान सहायता राशि दी जाएगी।
■योजनांतर्गत खरीफ 2021 से धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो-कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष राशि रु.9,000 प्रति एकड़ आदान सहायता राशि दी जाएगी। वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विकय किया था, यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान, केला, पपीता लगाता है अथवा वृक्षारोपण करता है, तो उसे प्रति एकड़ रु. 10,000/- आदान सहायता राशि दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वाले कृषको को तीन वर्षों तक आदान सहायता राशि दी जाएगी।
6. कृषक का पंजीयन:
(i) योजनांतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु इच्छुक कृषकों को निर्धारित समयावधि में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के पोर्टल https://rgkny.cg.nic.in में पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
(ii) योजनांतर्गत कृषक पंजीयन का कार्य दिनांक 01 जून से 30 सितम्बर तक किया जाएगा।
(iii) कृषक को आवश्यक दस्तावेज जैसे ऋण पुस्तिका, बी-1, आधार नंबर, बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ भरे हुए आवेदन (संलग्न प्रपत्र-I अनुसार) का सत्यापन ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से कराना होगा।
(iv) ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा कृषक के आवेदन एवं अभिलेखों का प्रारंभिक परीक्षण एवं सत्यापन किया जाएगा। कृषक को ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के प्रारंभिक सत्यापन उपरांत आवश्यक अभिलेख के साथ पूर्ण रुप से भरे हुए आवेदन प्रपत्र संबंधित प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति में निर्धारित समय-सीमा के भीतर जमा करना होगा। कृषक आवेदन की पावती सहकारी समिति से प्राप्त कर सकेगा।
(vi) संयुक्त खातेदार कृषकों का पंजीयन नंबरदार नाम से किया जाएगा। इस हेतु संबंधित कृषकों को आवेदन पत्र के साथ समस्त खाताधारकों की सहमति सह-शपथ पत्र तथा अन्य आवश्यक अभिलेख प्रस्तुत करना होगा। आदान सहायता राशि पंजीकृत कृषक (नम्बरदार) के खाते में अंतरित जाएगी तथा आदान सहायता राशि का बटवारा आपसी सहमति से किया जाएगा।
(vii) योजनांतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु कृषक को आवेदन के साथ आधार नंबर अनिवार्य रुप से देना होगा। हितग्राही कृषकों से आधार नंबर उनकी सहमति से प्राप्त किया जाएगा। यदि किसी कृषक के पास आधार नंबर नहीं है, तो मैदानी अमलों के द्वारा ऐसे कृषको को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) में पंजीयन हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा। प्राप्त आधार नंबरों की गोपनीयता सुनिश्चित की जाएगी।
(viii) राजीव गांधी किसान न्याय योजना के पोर्टल में प्रदर्शित प्रकिया के अनुसार ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा सत्यापन तथा सहकारी समिति द्वारा पंजीयन की कार्यवाही की जाएगी।
(ix) कृषकों के बैंक विवरण में त्रुटि होने पर विभाग के मैदानी अमले द्वारा संबंधित कृषक से 15 दिवस के भीतर सही बैंक विवरण प्राप्त करते हुए अनुदान राशि अंतरण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
योजनांतर्गत फसलवार रकबा संकलन एवं रकबा निर्धारण
(i) योजनांतर्गत सम्मिलित फसल के रकबा निर्धारण हेतु भुंइया पोर्टल में संधारितगिरदावरी के आंकड़ों को ही अधिकृत रुप से उपयोग किया जाएगा।
योजनांतर्गत सम्मिलित सभी फसलों का कृषकवार, खसरावार, बोए गए फसल के क्षेत्राच्छादन की जानकारी राजस्व विभाग द्वारा गिरदावरी के माध्यम से की जाएगी।
(iii) गिरदावरी के आंकड़ों में त्रुटि/भिन्नता होने पर प्रचलित निर्देश एवं प्रकिया के अनुसार राजस्व विभाग द्वारा सुधारात्मक कार्यवाही की जाएगी।
(iv) राजस्व रिकार्ड में दर्ज रकबा एवं किसान द्वारा बोए गए वास्तविक रकबा में भिन्नता पाए जाने पर संबंधित अधिकारी तथा पर्यवेक्षण करने वाले अमलों की जवाबदेही तय कर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
(iv)योजनांतर्गत कृषकों के फसलवार सर्वेक्षण एवं पंजीयन के लिए राजस्व विभाग द्वारा कृषकों के भू-अभिलेख का शुद्धिकरण, अपडेशन एवं आधार से लिंक करने की कार्यवाही की जाएगी।
8.आदान सहायता राशि के भुगतान की प्रकिया:-
योजना के पोर्टल में पंजीकृत कृषकों को नोडल बैंक के माध्यम से किश्तों में आदान सहायता राशि सीधे बैंक खाते में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) की जाएगी।
योजना हेतु आवेदन का प्रारूप
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