रामदाना : दुनिया का सबसे पुराना अनाज जो चावल- गेहूं और मक्के से कई गुना अधिक फायदेमंद है। #आवाज_एक_पहल दुनिया का सबसे पुराना अनाज रामदाना अब तो भूले-बिसरे ही याद आता हैं । उपवास के लिए लोग इसके लड्डू और पट्टी खोजते हैं. पहले इसकी खेती का भी खूब प्रचलन था. मंडुवे यानी कोदों के खेतों के बीच-बीच में चटख लाल, सिंदूरी और भूरे रंग के चपटे, मोटे गुच्छे जैसे दिखने वाली फसल चुआ (चौलाई) होती थी जिसके पके हुए बीज रामदाना कहलाते हैं. जब पौधे छोटे होते थे तो वे चौलाई के रूप में हरी सब्जी के काम आते थे. तब पहाड़ों में मंडुवे की फसल के साथ चौलाई उगाने का आम रिवाज था. यह तो शहर आकर पता लगा कि रामदाना के लड्डू और मीठी पट्टी बनती है. पहाड़ में रामदाना के बीजों को भून कर उनकी खीर या दलिया बनाया जाता था. एक बार, नाश्ते में रामदाने की मुलायम और स्वादिष्ट रोटी खाई थी. रोटी का वह स्वाद अब भी याद है. अब तो पहाड़ में भी खेतों में दूर-दूर तक चौलाई के रंगीन गुच्छे नहीं दिखाई देते हैं. गेहूं, धान और मक्का से भी श्रेष्ठ रामदाना पौष्टिकता की लिहाज से रामदाने के दानों में गेहूं के आटे से दस गुना अधिक कैल्शियम, ती
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