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Showing posts from 2024

जैविक खेती को प्रोत्साहित करने हेतु ग्राम किरवई मे हुआ जैविक किसान मेला सह सम्मेलन एवं लोकार्पण कार्यक्रम*

जैविक खेती को प्रोत्साहित करने हेतु ग्राम किरवई मे हुआ जैविक किसान मेला सह सम्मेलन एवं लोकार्पण कार्यक्रम शासन के एक वर्ष पूर्ण होने पर जैविक किसान मेला सह सम्मेलन एवं लोकार्पण कार्यक्रम का आयोजन ग्राम किरवई मे किया गया। उक्त कार्यक्रम मे श्री रोहित साहू विधायक राजिम ने कृषको को जैविक खेती करने हेतु प्रोत्साहित किया एवं अपने उद्बोधन मैं किसानों से रासायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती करने की अपील की अपील की।  श्री चंद्रशेखर साहू जिला पंचायत सदस्य जिला गरियाबंद ने अपने उद्बोधन में कहा कि किसान जब तक अपनी खेती की लागत में कमी नहीं लाएगा तब तक किसान सफल नहीं हो पायेगा नही हो पायेगा आज वर्तमान मे खेती काफी महंगी हो जाएगी जैविक खेती के अंतर्गत कई ऐसे खाद व कीटनाशक है जिन्हे किसान अपने घर पर ही बना सकते है और इनका उपयोग कर किसान अपनी खेती की लागत में कमी कर सकता है और उत्पादन बराबर ले सकता है कृषि विभाग के की ओर से समय-समय पर कृषकों को जैविक कीटनाशक व खाद बनाने का प्रशिक्षण जाता है जिसका लाभ कृषक अवश्य लेवे।  श्री मनीष हरित अध्यक्ष जिला किसान मोर्चा जिला गरियाबंद ने अपने उद्बोधन में कहा कि...

ग्राम चैतरा के कृषको को हुआ मूंगफली का बीज वितरण

ग्राम चैतरा के कृषको को हुआ मूंगफली का बीज वितरण राष्ट्रीय खाघ सुरक्षा मिशन योजना कलस्टर प्रदर्शन योजना के अंर्तगत् ग्राम चैतरा के किसानों को मूंगफली की किस्म लिपाक्षी  बीज का वितरण किया गया । श्री बी.आर.साहू वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी विकासखण्ड फिंगेश्वर ने बताया कि ग्रीष्म कालीन धान के बदले मूंगफली की खेती से कृषकों को धान फसल की अपेक्षा काफी लाभ मिलेगा एवं कृषकों की आय में वृद्धि होगी, लगातार धान की खेती होने से भू-जल स्तर काफी घट रहा है ऐसी स्थित को ध्यान में रखते हुये वर्तमान में कृषकों को दलहन - तिलहन की खेती हेतु कृषकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। बीज के वितरण के समय नरेश साहू रवि साहू जागेश्वर साहू धर्मेंद्र साहू किसान मित्र टकेश साहू मुन्नालाल साहू एवं अन्य 25 कृषक व कृषि विभाग के अधिकारी श्री के.आर वर्मा ग्रा.कृ.वि.अधिकारी एवं श्री उज्जवल शर्मा  ग्रा.कृ.वि.अ. उपस्थित थे।

ग्राम बिजली के कृषको को हुआ मूंगफली का बीज वितरण

 ग्राम बिजली के कृषको को हुआ मूंगफली का बीज वितरण राष्ट्रीय खाघ सुरक्षा मिशन योजना कलस्टर प्रदर्शन योजना के अंर्तगत् ग्राम बिजली के किसानों को मूंगफली की किस्म लिपाक्षी  बीज का वितरण किया गया । श्री बी.आर.साहू वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी विकासखण्ड फिंगेश्वर ने बताया कि ग्रीष्म कालीन धान के बदले मूंगफली की खेती से कृषकों को धान फसल की अपेक्षा काफी लाभ मिलेगा एवं कृषकों की आय में वृद्धि होगी, लगातार धान की खेती होने से भू-जल स्तर काफी घट रहा है ऐसी स्थित को ध्यान में रखते हुये वर्तमान में कृषकों को दलहन - तिलहन की खेती हेतु कृषकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। बीज के वितरण के समय कीर्ति निषाद (वन सभापति) जनपद सदस्य जनपद पंचायत फिंगेश्वर, देमीन पीला चंद माण्डले, ग्राम सरपंचप नंदू यादव, पंच लिखन राम निषाद, दयाराम साहू, कमलेश साहू मोती राम निषाद पूर्व सरपंच के साथ अंचल के कृषक व कृषि विभाग के अधिकारी श्री के.आर वर्मा ग्रा.कृ.वि.अधिकारी श्री तरूण साहू ग्रा.कृ.वि.अ. उपस्थित थे।

बीज दर रबी 2024-25

कृषि विभाग फिंगेश्वर द्वारा ग्राम धुरसा के किसानों को वितरण किया उन्नत किस्म (RVG-204) का चना बीज

  कृषि विभाग फिंगेश्वर द्वारा ग्राम धुरसा के किसानों को वितरण किया उन्नत किस्म (RVG-204) का चना बीज आज दिनांक 22-11-2021को कार्यालय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी विकासखण्ड फिंगेश्वर के द्वारा ग्राम धुरसा विकासखंड - फिंगेश्वर के किसानों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजनांतर्गत चना बीज का वितरण किया गया। गौरतलब है कि छ.ग. शासन कृषि विभाग द्वारा किसानों को फसल चक्र अपनाने एवं ग्रीष्म कालीन धान के बदले दलहन -तिलहन एवं मक्का फसल हेतु प्रेरित किया जा रहा है जिससे अंचल में रबी फसल में दलहन तिलहन व मक्का फसल के रकबे का विस्तार होगा। जिससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। श्री बीआर साहू वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी ने बताया कि एग्रीकल्चर कॉलेज सीहोर ने चने की वैरायटी  204 (90-125 दिन) इजात की है। यह रिसर्च कॉलेज के वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद यासिन ने किया है। यह दोनों ही किस्म नवंबर के अंतिम सप्ताह और दिसंबर के दूसरे सप्ताह में बो सकते हैं। आर वी जी 204 एक अच्छी उपज देने वाली किस्म है जिसका वितरण आज किसानों को  किया जा रहा है। यह निश्चित ही कृषको के लिए उपयोगी साबित होगा। उक्त कार्यक्रम में श्री दीपक स...

रबी बीज दर 2024-25

 

कृषक प्रशिक्षण :-अंचल के कृषकों को जैविक खेती की ओर अग्रसर कर रहे है कृषि विभाग जिला गरियाबंद के अधिकारी/कर्मचारी

कृषक प्रशिक्षण :- अंचल के कृषकों को जैविक खेती की ओर अग्रसर कर रहे है कृषि विभाग जिला गरियाबंद के अधिकारी / कर्मचारी  अधिकांश मानवीय बीमारियों का कारण जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ कृषि में उपयोग हो रहे रसायन भी हैं। इनमें मुख्य रूपसे मानव द्वारा उपयोग की जाने वाली विषाक्त सब्जियां, अनाज एवं फल हैं जिनकी सुरक्षा हेतु अंधाधुंध रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। इन कीटनाशकों के प्रयोग से अत्यधिक प्रयोग से इनके प्रति कीटों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है और कुछ प्रजातियों में तो प्रतिरोधक क्षमता विकसित भी हो चुकी है। इसके अलावा रासायनिक कीटनाशक अत्यधिक मंहगे  होने के कारण किसानों को इन पर अत्यधिक खर्च करना पड़ता है। कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से फसलों, सब्जियों व फलों की गुणवत्ता पर भी विपरीत असर पड़ता है। इन वस्तुस्थिति के फलस्वरूप वैज्ञानिकों का ध्यान प्राकतिक एवं जैविक कीटनाशकों एवं रोगनाशकों की ओर गया है जो न केवल सस्ते हैं बल्कि जिनके उपयोग से तैयार होने वाली फसल के किसी प्रकार के रासायनिक दुष्प्रभाव भी नहीं रहते हैं। इसी परिपेक्ष्य मे आज  दिनांक 19.09.2024 को  ग्राम कामे...

लाल कीड़ा :-धान का लाल कीड़ा यदि है तो घबराये नहीं ये उपाय कर सकते है??

लाल कीड़ा :-धान का लाल कीड़ा यदि है तो घबराये नहीं ये उपाय कर सकते है?? इस चित्र को ध्यान से देखने पर इसमे लाल लाल रंग का कीड़ा देखने को मिलेगा जो धान कि ग्रोथ को रोक लेता है ये ये किड़े पतला और लम्बा होता है और धान की जड़ों के पास रहता है। कुछ भाइयों का मानना है ये केंचुआ है पर ये केंचुआ नही है ये किड़ा है जो धान कि ग्रोथ रोक देता है टाइम रहते इस पर नियंत्रण करना जरूरी है। जो भी किसान भाई अभी धान के खेत में लगे केचुए (गेंगरुवा) की तरह दिखने वाले लाल कीड़े से परेशान है वो अपने खेत में से 80% पानी को खाली करके Chloropyriphos 70% को 250 ML प्रति एकड़ की दर से रेट या यूरिया में मिला कर पूरे खेत अच्छे से छिड़काव करें, और एक बात दवाई अच्छे तथा नामी कंपनी का ही खरीदें मार्केट में सैकड़ों कंपनी है जो टेक्निकल नेम लगा कर हल्की दवाई सप्लाई कर रहें हैं, ये कुछ दवाई है जो लाल कीड़े पर अपना असरदार प्रभाव डालते हैं। 1, Chloropyriphos 70% EC 2, Polytrin C 44 EC 3, Imidacloprid 70% WG 4, hydrochloride 7.5% w/w + Emamectin benzoate 0.25% w/w GR. 5, Clothianidin 50% Wdg 6, Fenpropathrin 10% EC इन दवाइ...

किसान गोष्ठी :- ग्राम परतेवा में कृषि विभाग द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड व शासकीय योजनाओं की जानकारी दी गई ।

किसान गोष्ठी :- ग्राम परतेवा में कृषि विभाग द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड व शासकीय योजनाओं की जानकारी दी गई। कृषि विभाग की महत्वाकांक्षी योजना मृदा स्वास्थ्य कार्ड अंतर्गत ग्राम परतेवा विकासखंड फिंगेश्वर जिला गरियाबंद में किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मिट्टी परीक्षण की महत्ता को अधिकारियों द्वारा विस्तृत जानकारी कृषकों को दिया गया तथा आगामी खरीफ सीजन धान के फसल हेतु बीज उपचार जैविक उर्वरक एवं जैविक कीटनाशक वर्मी कंपोस्ट फसल प्रबंधन आदि की जानकारी दी, एवं अधिक से अधिक मिट्टी का परीक्षण कराकर अनुसंशित मात्रा में उर्वरक प्रयोग करने के लिए कृषकों को आग्रह किया। श्री बी आर साहू वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी ने कृषकों को बताया कि फसलों में अधिकांश रोग का संक्रमण मुख्य रूप से बीज  एवं मिट्टी के द्वारा होता है।  बहुत छोटे-छोटे रोगाणु बीज की सतह पर या इसके भीतर स्थिर रहते है। इस प्रकार के दूषित  बीजों की बोबाई के बाद बीज पर चिपके हुए रोगाणु मिट्टी में अनुकूल वातावरण पाते ही काफी तेजी से वृद्धि कर मिट्टी में बहुत पतला सफेद धागा जैसा रोग के जाल का निर्माण करते हैं।  बीज ज्य...

किसान_गोष्ठी :- ग्राम सिर्रीकला मे उपसंचालक कृषि गरियाबंद, श्री चंदन राय द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड व शासकीय योजनाओं की जानकारी दी।

 किसान गोष्ठी :- ग्राम सिर्रीकला मे उप संचालक कृषि गरियाबंद, श्री चंदन राय द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड व शासकीय योजनाओं की जानकारी दी। कृषि विभाग की महत्वाकांक्षी योजना मृदा स्वास्थ्य कार्ड अंतर्गत ग्राम सिर्रीकला विकासखंड फिंगेश्वर जिला गरियाबंद में किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मिट्टी परीक्षण की महत्ता को अधिकारियों द्वारा विस्तृत जानकारी कृषकों को दिया गया तथा आगामी खरीफ सीजन धान के फसल हेतु बीज उपचार जैविक उर्वरक एवं जैविक कीटनाशक वर्मी कंपोस्ट फसल प्रबंधन आदि की जानकारी दी। श्री रॉय सर ने कृषकों को बताया कि फसलों में अधिकांश रोग का संक्रमण मुख्य रूप से बीज  एवं मिट्टी के द्वारा होता है।  बहुत छोटे-छोटे रोगाणु बीज की सतह पर या इसके भीतर स्थिर रहते है। इस प्रकार के दूषित  बीजों की बोबाई के बाद बीज पर चिपके हुए रोगाणु मिट्टी में अनुकूल वातावरण पाते ही काफी तेजी से वृद्धि कर मिट्टी में बहुत पतला सफेद धागा जैसा रोग के जाल का निर्माण करते हैं। बीज ज्योंही अंकुरित होना प्रारंभ करता है रोगाणु के सफेद जाल इसके अंदर प्रवेश कर पौधे को छोटी अवस्था में ही सुखा देते...